नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को पीएम मोदी करेंगे। जिसका पूरा विपक्ष बहिष्कार कर रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि संसद का नया भवन बनाने की आवश्यकता नहीं थी। आजादी के समय जो भवन था, उसी को और विकसित करना चाहिए था।
अलग से नया बनाने का कोई मतलब नहीं है। देश के पुराने इतिहास को बदला जा रहा है। मुख्यमंत्री शनिवार को पटना में पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
देश के इतिहास को भुलाया नहीं जा सकता- नीतीश
उन्होंने कहा कि देश के इतिहास को भुलाया नहीं जा सकता है। पुरानी चीजों को खत्म कर देने से इतिहास के बारे में कैसे पता चलेगा? आज-कल जो शासन में हैं वे सारे इतिहास को बदल देंगे। आजादी की लड़ाई के इतिहास को भी बदल देंगे। देश का इतिहास बहुत ही आवश्यक है। रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह बेकार है, इसका कोई मतलब नहीं है। बाकी लोगों को भी हम कहेंगे कि इस बात को समझिए। देश में इतने दिनों से शासन चल रहा था, लेकिन इसकी जरूरत नहीं महसूस की गई थी। इनलोगों को पूरा इतिहास बदलना है, इसलिए सभी चीजों को बदल रहे हैं।
राष्ट्रपति को आमंत्रित किया जाना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई नई चीज का उद्घाटन होता है तो उसके हेड को बुलाया जाता है। राष्ट्रपति को इनलोगों ने नहीं बुलाया है। ये लोग अपने से ही उद्घाटन कर रहे हैं। ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ है। राष्ट्रपति को आमंत्रित किया जाना चाहिए। संसद के नए भवन का राष्ट्रपति से उद्घाटन नहीं कराये जाने पर अन्य पार्टियां इसका बहिष्कार कर रही हैं। संसद भवन के उद्घाटन समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती समेत विपक्ष के कई नेताओं के शामिल होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कौन-कौन लोग जा रहे हैं, इसकी जानकारी मुझे नहीं है।
विधानसभा का नया भवन नहीं बना है
बिहार विधानसभा के विस्तारित भवन के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल को नहीं बुलाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस समय यह भवन बना था, उस समय भाजपा के लोग मेरे साथ ही थे। इस बात को वे लोग भूल गये हैं? भवन का सिर्फ विस्तार किया गया है। बिहार में विधानसभा का कोई नया भवन नहीं बना है। हमलोग सिर्फ उसका विस्तार किये हैं। पहले सदन की कमिटी के मेंबर को बैठने की जगह नहीं थी। ये लोग भूल इसलिए गये हैं कि अभी जो इनके नेता हैं वो चाहते हैं कि सभी चीजों को बदल दो।
बिहार को अब नहीं मिल रही केंद्र की मदद
मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्यों के विकास के लिए पहले केंद्र सरकार से जितनी मदद मिलती थी, उतनी अब नहीं मिल रही है। केंद्र से अपेक्षित मदद मिलने के बावजूद अपने दम पर बिहार आगे बढ़ रहा है। बिहार में हमलोग काफी काम कर रहे हैं, लेकिन अगर विशेष राज्य का दर्जा मिल गया होता तो बिहार बहुत आगे बढ़ गया होता। नीति आयोग की बैठक में हम जाते तो इन बातों को रखते।
मीटिंग में शामिल नहीं होने की बताई वजह बैठक में शामिल नहीं होने के सवाल पर कहा कि पंडित नेहरू की पुण्यतिथि पर बिहार में पहले से ही कार्यक्रम होते आया है। हर वर्ष हमलोग यहां उपस्थित होते रहे हैं। हमने पहले ही उन्हें सूचना दे दी थी कि हमारा कार्यक्रम पहले से ही तय है। अगर वहां दोपहर बाद मीटिंग होती तो हम जाते। सुबह यहां के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वहां की मीटिंग में चले जाते। वहां भी सुबह में ही मीटिंग थी लिहाजा हमने बिहार की तरफ से मीटिंग में शामिल होने को लेकर अन्य लोगों और अधिकारियों का नाम भेज दिया था, लेकिन वे लोग नहीं माने।
2 हजार का नोट बंद करने पर कसा तंज
दो हजार रुपये के नोट बंद किये जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के समय एक हजार रुपये के नोट को बंद कर दो हजार रुपये के नोट को इन लोगों ने शुरू किया था। अब दो हजार रुपये के नोट को भी बंद किया जा रहा है, इसका क्या मतलब है। तंज कसा कि वे लोग क्या कर रहे हैं, उन्हीं लोगों से पूछिए। वहीं विपक्षी एकता को लेकर विपक्षी दलों की बैठक कब होगी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने सिर्फ इतना कहा कि इसके बारे में बाद में हम बताएंगे।