आजम खान के बाद अखिलेश यादव और सपा को सितंबर में दूसरी सौगात मिली है। समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी भी मंगलवार शाम महराजगंज जेल से रिहा हो गए। लगभग 34 महीनों की लंबी कैद के बाद बाहर निकलते ही वे कलफदार सफेद कुर्ते में पुराने जोश और तेवर के साथ नजर आए।
जेल प्रशासन के अनुसार 22 दिसंबर 2022 को इरफान सोलंकी को कानपुर जेल से प्रशासनिक आधार पर कड़ी सुरक्षा के बीच महराजगंज जिला कारागार में शिफ्ट किया गया था। उन पर जमीन कब्जाने, महिला का मकान जलाने, रंगदारी मांगने और फर्जी दस्तावेज पर बांग्लादेशी नागरिक को भारतीय पहचान दिलाने सहित दो दर्जन से अधिक गंभीर आरोप लगे थे।
हालांकि, वर्तमान समय में वे केवल गैंगस्टर एक्ट से जुड़े एक वाद में ही निरुद्ध थे। जाजमऊ थाने में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक की तहरीर पर दिसंबर 2022 में दर्ज इस मुकदमे में हाईकोर्ट ने इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और एक अन्य आरोपित को जमानत दी। अन्य मामलों में उन्हें पहले ही राहत मिल चुकी थी।
इस मामले में जेल अधीक्षक वीके गौतम ने बताया कि इरफान सोलंकी वर्तमान समय में गैंगेस्टर एक्ट में निरुद्ध थे। प्रशासनिक आधार पर उनको कानपुर जेल से महराजगंज जिला कारागार में शिफ्ट किया गया था। हाईकोर्ट का आदेश मिलने के बाद मंगलवार को सभी विधिक प्रक्रियाएं पूरी कर उनको रिहा कर दिया गया।
महराजगंज जेल में शिफ्ट किए जाने के चार दिन बाद यानी 26 दिसंबर 2022 को कानपुर नगर के जाजमऊ थाने में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार दूबे की तहरीर पर इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी, इसराइल आटेवाला, मोहम्मद शरीफ और शौकत अली के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की धारा 3(1) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और एक अन्य आरोपित इजराइल आटे वाला को जमानत दे दा। वहा, अन्य मामलों में उन्हें पहले ही राहत मिल चुकी थी। जेल प्रशासन के अनुसार इरफान सोलंकी वर्तमान में केवल गैंगेस्टर एक्ट के एक केस में निरुद्ध हैं।
