पंजाब और हरियाणा से कांग्रेस सत्ता से दूर है। पंजाब में तो अगले डेढ़ साल में ही चुनाव होने वाले हैं, जबकि हरियाणा में वह लगातार तीन हार झेल चुकी है। इस बीच पार्टी ने संगठन के पेच कसने के लिए कुछ बदलाव किए हैं, लेकिन उसे लेकर बवाल शुरू हो चुका है। हरियाणा में पार्टी ने राव नरेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है तो सीनियर नेता कैप्टन अजय यादव ने सवाल उठा दिए हैं। उनका कहना है कि किसी साफ छवि के नेता को कमान मिलनी चाहिए थी। राहुल गांधी की ऐसी इच्छा भी थी, लेकिन प्रदेश में उससे उलट फैसला लिया गया है।
इसके अलावा पंजाब में भी बवाल खड़ा हो गया है। पटियाला से पार्टी के सांसद धर्मवीर गांधी ने मंगलवार को नेतृत्व पर सवाल उठाए और कहा कि हलका इंचार्ज के तौर पर जिन नेताओं को कमान मिली है, वे तो खुद ही हारे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में ऐसे लोगों को हलका इंचार्ज बना दिया गया है, जो विधानसभा चुनाव में जमानतें जब्त करवा चुके हैं। धर्मवीर गांधी ने फेसबुक पर लिखा, ‘कांग्रेस में हलका इंचार्ज क्या होते हैं और किन लोगों को यह जिम्मेदारी मिली है। ये ऐसे लोग हैं, जो विधानसभा में हार गए थे। कुछ की तो जमानत ही जब्त हो गई थी। आखिर इन्हें किसने हलका इंचार्ज बनाया है। उस नेता का नाम बताएं और नियुक्ति का आदेश सार्वजनिक किया जाए।’
ऐसा ही विवाद राव नरेंद्र सिंह को लेकर हरियाणा में कैप्टन अजय सिंह यादव ने उठा दिया है। ऐसे में देखना होगा कि हुड्डा खेमा कैसे हरियाणा में पार्टी को मजबूत करता है। एक साल के लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस ने हरियाणा में हुड्डा को नेता विपक्ष बनाया है, जबकि राव नरेंद्र सिंह प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। इसी को लेकर कैप्टन अजय यादव का ऐतराज है। उन्होंने बिना नाम लिए ही ट्वीट किया कि प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर ईमानदार नेता की जरूरत थी।
उन्होंने लिखा, ‘हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के लगातार गिरते ग्राफ को देखते हुए आज लिए गए निर्णय पर पार्टी को आत्म निरीक्षण करने की आवश्यकता है। राहुल गांधी जी की इच्छा थी कि हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष एक ऐसे व्यक्ति को बनाया जाए जिसकी छवि पूरी तरह साफ-सुथरी, बेदाग और युवा नेतृत्व की पहचान रखने वाली हो। लेकिन आजका निर्णय इसके ठीक उलट दिखाई देता है। इस वजह से पार्टी कार्यकर्ताओं और कैडर का मनोबल बिलकुल गिर गया है।’
