चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के मुद्दा उठाते हुए पाकिस्तान को खूब लताड़ा। पड़ोसी देश का बिना नाम लिए ही उन्होंने उसके दोस्त चीन के सामने आतंकवाद पर खुलकर बात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद दुनिया के लिए बड़ा खतरा है। पहलगाम की बात करते हुए उन्होंने कहा, यह हमला सिर्फ भारत की अंतरात्मा पर हमला नहीं था बल्कि यह मानवता के लिए चुनौती है। उन्होंने कहा, दोहरे मापदंड किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आतंकवाद मानवता के लिए साझा चुनौती है। भारत लंबे समय से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। कितने ही बच्चे अनाथ हो गए हैं। हाल ही में पहलगाम में आतंकवाद का बहुत ही घिनौना रूप देखा गया। जो मित्र देश हमारे साथ थे मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। प्रश्न उठना स्वाभाविक है। आतंकवाद पर हमें कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार नहीं होगा। उन्होंने कहा, हम आतंकवाद के हर रंग का विरोध करते हैं।

बता दें कि पहलगाम औऱ आतंकवाद को लेकर भारत का रुख हमेशा से ही सख्त रहा है। एससीओ सम्मेलन से पहले भारत ने साफ संदेश दे दिया था कि अगर संयुक्त बयान में पहलगाम का जिक्र नहीं किया जाएगा तो भारत इसपर साइन नहीं करेगा। गौर करने वाली बात है कि पाकिस्तान भी एससीओ का स्थायी सदस्य है। ऐसे में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की उपस्थिति में पीएम मोदी ने जिस तरह आतंकवाद पर आक्रामक तरीके से बात की है, वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर दुनिया को एक बड़ा संदेश है।

प्रधानमंत्री ने चीन को भी संदेश देते हुए कहा, एससीओ में एस का मतलब सिक्योरिटी और ओ का मतलब ऑपर्चुनिटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ की नई परिभाषा बताकर साफ कर दिया है कि यह चीन के दबदबे वाला संगठन नहीं है बल्कि साथ मिलकर चुनौतियों का सामना करने के लिए बनाया गया संगठन है। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को लेकर दोहरे मापदंड को लेकर एक साथ चीन और अमेरिका दोनों को सुना दिया। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान का पर्दे के पीछे से साथ दिया था। वहीं टैरिफ को लेकर अमेरिका पाकिस्तान पर नरम नजर आ रहा है। ऐसे में पीएम मोदी ने एक ही तीर से दो निशाने लगा दिए हैं।

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