अमेरिका की ओर से भारतीय सामानों पर लगाया गया 50% टैरिफ आज यानी 27 अगस्त से लागू हो गया है। इसे लेकर बहुत सारी चिंताएं लोगों के सामने आ रही हैं। टैरिफ से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले सामान टेक्सटाइल (कपड़ा), रत्न और आभूषण, कालीन और फर्नीचर और झींगा मछली (shrimps)।
इन सामान को अमेरिका निर्यात नहीं किया जा सकता तो क्या भारत के लोगों को यह चीजें सस्ती मिल सकती हैं। इसके पीछे तर्क यह हो सकता है कि जब इन सामानों को अमेरिका नहीं भेजा जाएगा तो भारत में इनकी मात्रा ज्यादा होगी और इससे उनकी कीमतें कम हो सकती हैं लेकिन क्या वाकई ऐसा होगा?
टैरिफ को लेकर इस बात को समझना जरूरी है कि इसका सीधा असर कंज्यूमर यानी ग्राहक पर पड़ता है। जिन सामानों पर ज्यादा टैरिफ लगेगा, वे महंगे होंगे। उदाहरण के लिए कालीन को ले लें। जब भारत का कालीन महंगा हो जाएगा तो ग्राहक बांग्लादेश या पाकिस्तान से आने वाले कालीन को लेना पसंद करेंगे क्योंकि उन देशों पर अमेरिका के टैरिफ कम हैं इसलिए उनका कालीन भारत के मुकाबले सस्ता होगा।
