SCO Summit India-China: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस समय चीन में एससीओ समिट अटेंड करने गए हैं। इस मौके पर उनकी मुलाकात चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डॉन्ग जून से भी हुई है। इस मुलाकात के दौरान एलएसी विवाद पर विस्तार से बात की गई है, दोनों देशों के बीच में कैसे सहयोग बढ़े, इसे लेकर भी मंथन हुआ है।

भारत की नीति में बड़ा बदलाव
बड़ी बात यह है कि पहली बार एक जारी बयान ‘Permanent De-escalation’ शब्द का इस्तेमाल हुआ है। अभी तक तो सिर्फ बातचीत के जरिए, आपसी विश्वास को जरिया बनाकर शांति स्थापित करने की बात होती थी, लेकिन यह पहली बार है जब ‘Permanent De-escalation’ शब्द का इस्तेमाल हुआ है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अब कोई बड़ा फैसला भी हो सकता है।

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मुलाकात के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्ट्रक्चर्ड रोडमैप के जरिए तनाव कम करने की बात कही है। इसके ऊपर राजनाथ सिंह ने इस बात को स्वीकार किया है कि पिछले कुछ समय में रिश्तों को सामान्य करने की कोशिश हुई है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि 2020 के स्टैंडऑफ के बाद जो अविश्वास की खाई बनी थी, उसे पाटना जरूरी है।

पिछली मुलाकातों में क्या हुआ?

अब जानकारी के लिए बता दें कि यह दूसरी बार है जब राजनाथ सिंह की चीनी काउंटरपार्ट के साथ मुलाकात हुई है। इससे पहले अक्टूबर 2024 में भी एक मीटिंग हुई थी, तब ईस्टर्न लद्दाख में मिलिट्री स्टैंडऑफ को खत्म करने पर जोर दिया गया था। गुरुवार को हुई मुलाकात तो दोनों ही नेताओं की चौथी बाइलेट्रल मीटिंग रही जहां फिर रिश्ते सुधारने पर फोकस किया गया।

पहलगाम पर बोले राजनाथ

वैसे इससे पहले एससीओ समिट के दौरान राजनाथ सिंह ने आतंकवाद पर तीखा मैसेज दिया और अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की। सिंह ने कड़े लहजे में कहा, ‘कुछ देश क्रॉस बॉर्डर टेरेरिज्म को नीतिगत साधन के तौर पर इस्तेमाल करते हैं औऱ आतंकियों को पनाह देते हैं। ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।’

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