यूपी के योगी सरकार ने लोमड़ी व सियार के काटने से मौत पर प्रभावित परिवार को अब चार लाख रुपये मुआवजा देगी। इसे राज्य आपदा घोषित कर दिया गया है। राज्य आपदा की इस श्रेणी में कुल 11 वन्यजीव शामिल हो गए हैं।

बाघ, शेर, तेंदुआ, भेड़िया, लकड़बग्घा, मगरमच्छ, हाथी, गैंडा और जंगली सुअर के हमले से इंसान की जान जाने पर पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा देने की व्यवस्था पहले से है। इन सभी जानवरों को मानव-वन्यजीव संघर्ष की श्रेणी-1 में रखा गया है। श्रेणी-2 में लोमड़ी और सियार को स्थान दिया गया है। बेमौसम भारी वर्षा, अतिवृष्टि, बिजली, आंधी, तूफान, लू प्रकोप, नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई, गैस रिसाव, बोरवेल में गिरने से होने वाला हादसा, कुंआ, नदी, झील, तालाब, पोखर, नहर, नाला, गड्ढा, जल प्रपात में डूबकर होने वाली मृत्यु और सांड व वनरोज (नीलगाय) के आघात से होने वाली घटनाओं को पहले ही राज्य आपदा घोषित किया जा चुका है।

मधुमक्खी पर ली जाएगी राय

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य कार्यकारी समिति ने मधुमक्खी के हमले से होने वाली मौत को भी राज्य आपदा में शामिल करने की संस्तुति की गई थी। उच्च स्तर से यह प्रस्ताव फिलहाल पास नहीं हुआ है। कहा गया है कि पहले वन विभाग से यह परामर्श ले लिया जाए कि मधुमक्खी वन्यजीव की श्रेणी में है या नहीं, जबकि भवन गिरने की घटना को राज्य आपदा घोषित किए जाने संबंधी प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है।

5 महीने के लिए बंद हुआ पीलीभीत टाइगर रिजर्व

उधर, छह जून से शुरू हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के 11वें पर्यटन सत्र का रविवार को समापन हो गया। रिकॉर्ड विदेशी पर्यटकों के साथ कुल 56289 सैलानियों की आदम दर्ज कर अब नया पर्यटन सत्र पंद्रह नवंबर से शुरू होगा। अंतिम दिन रविवार को भी जंगल सफारी करने और बाघों के दीदार करने के लिए सैलानियों के आने जाने का सिलसिला बना रहा।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व का 11वां सत्र इस बार अपने तय वक्त पंद्रह नवंबर से पहले छह नवंबर को शुरू हो गया था। भारी डिमांड के कारण पर्यटन सत्र शुरू होने से पहले ही यहां की सभी हट और जंगल सफारी एडवांस बुकिंग हो गई थी।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *