Sudarshana Chakra Vs Golden Dome Missile Defence System: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसी साल मार्च के महीने में अमेरिकी संसद में एक गोल्डन डोम बनाने का प्रस्ताव रखा था। मंगलवार को उन्होंने इस सिस्टम की तैनाती को लेकर मंजूरी भी दे दी है। हालांकि, इन सब के बीच अब सभी के मन में एक सवाल आता है कि भारत के सुदर्शन चक्र और गोल्डन डोम के बीच में कौन सबसे ज्यादा ताकतवर है व किसकी मारक क्षमता ज्यादा है।

भारत का सुदर्शन चक्र

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भारत के S-400 सुदर्शन चक्र एयर डिफेंस सिस्टम ने ऑपरेशन सिंदूर में अपना दम पूरी दुनिया को दिखा दिया था। S-400 एक मोबाइल सर्फेस टु एयर मिसाइल सिस्‍टम है। यहां मोबाइल से मतलब है कि इसे एक जगह से दूसरी जगह आसानी से पहुंचाया जा सकता है। इस सिस्‍टम को साल 1990 के दशक में रूस में बनाया गया था। तब इसे S-300 सिस्‍टम के अपग्रेड के तौर पर बनाया गया था। साल 2007 में इसे सेवा देने के लिए अप्रूव किया गया। रूस अब इससे भी एडवांस एस-500 सिस्‍टम को डेवलेप करने पर वर्क कर रहा है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, रूस से इस एयर डिफेंस सिस्‍टम को खरीदने के लिए भारत ने कुछ साल पहले डील की थी।

अमेरिका का गोल्डन डोम

अब अमेरिका के गोल्डन डोम की बात करें तो यह नेक्सट जनरेशन मिसाइल डिफेंस टेक्नीक शील्ड है। इसको हाइब्रिड सिस्टम भी कहा जा रहा है। यह हवा, आसमान और स्पेस से होने वाले किसी भी तरह के हमले का पता लगाने, उस को ट्रैक करने और उसे इनएक्टिव करने का दमखम रखता है। इतना ही नहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि गोल्डन डोम से क्रूज, बैलिस्टिक, हाइपरसोनिक, ड्रोन और किसी भी तरह के परमाणु हथियार को भी विफल किया जा सकता है। आसान शब्दों मे कहें तो यह इजरायल के डिफेंस सिस्टम से प्रभावित है, लेकिन यह इजरायली सिस्टम से कई गुना ज्यादा बेहतर है।

सुदर्शन चक्र या अमेरिका का गोल्डन डोम किसकी ताकत ज्यादा

भारत के S-400 सुदर्शन चक्र एयर डिफेंस सिस्टम और अमेरिका के गोल्डन डोम में सबसे ज्यादा ताकतवर अमेरिकी सिस्टम ही है। एस-400 सिस्टम को रूस ने बनाया है और यह ग्राउंड बेस्ड है और करीब 400 किलोमीटर तक की मिसाइलों को आसानी से रोक सकता है। गोल्डन डोम से क्रूज, बैलिस्टिक, हाइपरसोनिक, ड्रोन और किसी भी तरह के हमलों को नष्ट कर सकता है। इसमें कई सारे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंसर का इस्तेमाल किया जाएगा। इसकी मदद से यह 360-डिग्री थ्रेट डिटेक्शन और इंटरसेप्शन देगा। सुदर्शन चक्र की शक्तियां सीमित हैं और यह ग्राउंड पर ज्यादा निर्भर करता है।

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