भारत और पाकिस्तान के बीच बने युद्ध जैसे हालातों के बाद अब स्थिति सामान्य है। हालांकि इस सीजफायर को लेकर अमेरिका की तरफ से किए जा रहे दावे सवालों के घेरे में हैं। जहां ट्रंप ने सीजफायर की घोषणा सबसे पहले कर मध्यस्थता का दावा किया तो वहीं भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच हुई सीधी बातचीत के बाद ही इस पर सहमति बनी। इस बीच यह सवाल उठ रहे हैं कि एक दिन पहले इस जंग को ‘दूसरों की लड़ाई’ और ‘अमेरिका का इससे कोई लेना-देना नहीं’ कहने के बाद, अमेरिका इस जंग में क्यों उतरा? इस पर भारत के रिटायर्ड एयर मार्शल ने पाक और अमेरिका दोनों पर तंज कसा है।

एयर मार्शल संजीव कपूर (सेवानिवृत्त) ने कहा है कि पाकिस्तान अमेरिका का लाडला बच्चा है और US 1979 से ही बिगड़ैल बच्चे पाकिस्तान को झेल रहा है। इंटरव्यू के दौरान जब एयर मार्शल से पूछा गया कि पाक की नापाक हरकतें जारी हैं फिर भी IMF की ओर से उसे सपोर्ट मिलता है, इस पर एयर मार्शल ने कहा कि पाकिस्तान एक बिगड़ैल बच्चा है। उन्होंने कहा, “जैसे शरारती बच्चे होते हैं, तो वो बदमाशी करते हैं तो मां-बाप कहते हैं कि बच्चे ऐसे नहीं करना आगे से, ये लो कोका कोला पी लो, ये चॉकलेट ले लो, अमेरिका ऐसा ही करता है। आप F 16 ले लो, आगे से मत करना।”

अमेरिका यह कभी नहीं कहेगा…

उन्होंने आगे कहा, “तो पाकिस्तान 1979 से ही अमेरिका का लाडला बच्चा है। जब से USSR के विरोध में CIA ने मुजाहिदीन खड़े किए हैं। ट्रंप के परमाणु युद्ध रुकवाने के दावे पर एयर मार्शल संजीव कुमार ने कहा है कि पाकिस्तान के पास जो भी हथियार हैं, चाहे वह अमेरिकी हो या तुर्किश हो वे सभी पश्चिमी देशों से आते हैं। उन्होंने कहा है कि अमेरिका यह कभी नहीं कहेगा कि उनके एयरक्राफ्ट्स उनके एयर डिफेंस सिस्टम, उनके रडार और उनके ड्रोंस को भारतीय और रूसी एयर डिफेंस सिस्टम ने मात दी है।” संजीव कुमार ने कहा, “अमेरिका यह कभी नहीं बताएगा कि भारत ने कितनी तरक्की कर ली है क्योंकि इससे उनका बाजार बंद हो जाएगा।” उन्होंने यह तक कह दिया कि अमेरिका कभी भारत की तरक्की नहीं देख सकता।

क्यों पाकिस्तान का साथ देता है अमेरिका?

बता दें कि अमेरिका ने पाकिस्तान को गैर नाटो प्रमुख सहयोगी का दर्जा दिया है। यह दर्जा पाकिस्तान को अमेरिका की सामरिक प्राथमिकताओं में एक विशेष स्थान देता है। अमेरिकी सरकार कुछ खास देश को यह दर्जा देती है जिसके तहत उन्हें सैन्य सहयोग के अलावा आर्थिक लाभ भी दिए जाते हैं। अमेरिका शीत युद्ध के दशक से ही पाकिस्तान का साथ देता आया है। 1980 के दशक में सोवियत अफगानिस्तान युद्ध के दौरान पाकिस्तान अमेरिका का मुख्य सहयोगी था। अमेरिका ने पाकिस्तान के जरिए मुजाहिदीन को हथियार और फंडिंग दी थी।

आतंकवाद के अमेरिका ने 2011 में ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में मिलने के बाद भी पाकिस्तान को आर्थिक और सैन्य मदद देना जारी रखा। इसका एक कारण यह है कि वह दक्षिण एशिया में अपनी खुफिया और सैन्य मौजूदगी के लिए पाकिस्तान पर बहुत हद तक निर्भर है। वहीं अमेरिका इंडो पेसिफिक क्षेत्र में चीन के खिलाफ संतुलन बनाने के लिए भी पाकिस्तान का इस्तेमाल करना चाहता है। उसे डर है कि पाकिस्तान पूरी तरह चीन के पाले में ना चला जाए।

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