चुनावी पारदर्शिता बढ़ाने के मकसद से अब वोटर आईडी को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया तेज हो सकती है। पैन कार्ड की तरह अब मतदाता पहचान पत्र (EPIC) को भी आधार से जोड़ने की योजना पर चुनाव आयोग गंभीरता से काम कर रहा है। इस सिलसिले में अगले हफ्ते चुनाव आयोग की अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय और आधार जारी करने वाली संस्था यूआईडीएआई के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। इस पहल का मकसद फर्जी और डुप्लीकेट वोटर्स को चिन्हित कर मतदाता सूची को और साफ-सुथरा बनाना है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में संशोधन के बाद चुनाव आयोग ने मतदाताओं से स्वेच्छा से आधार नंबर एकत्र करने शुरू किए थे। हालांकि, अभी तक चुनाव आयोग ने आधार और मतदाता पहचान पत्र की डेटाबेस को लिंक नहीं किया है। यह प्रक्रिया इसलिए लाई गई थी ताकि डुप्लीकेट वोटर पंजीकरण की पहचान कर मतदाता सूची को शुद्ध किया जा सके, मगर आधार को लिंक कराना अनिवार्य नहीं किया गया।

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