• New Income Tax Bill: टैक्स सिस्टम को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए केंद्र सरकार नया इनकम टैक्स बिल लेकर आ रही है। इस बिल को शुक्रवार 7 फरवरी 2025 को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिलने की संभावना है। इस मंजूरी के बाद अगले हफ्ते लोकसभा में बिल को पेश किया जा सकता है।

New Income Tax Bill: टैक्स सिस्टम को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए केंद्र सरकार नया इनकम टैक्स बिल लेकर आ रही है। इस बिल को शुक्रवार 7 फरवरी 2025 को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिलने की संभावना है। इस मंजूरी के बाद अगले हफ्ते लोकसभा में बिल को पेश किया जा सकता है। बता दें कि इनकम टैक्स से जुड़े नए बिल के पास होने से टैक्स भरना आसान होगा। इससे जुड़े कानून को पढ़ने और समझने में आसान बनाने के लिए भाषा को सरल रूप देने के प्रयास किए गए हैं। समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नया इनकम टैक्स बिल गुरुवार को संसद में पेश किया जाना था। हालांकि, अब खबर है कि इसे कल यानी शुक्रवार को पेश किया जा सकता है। बता दें कि संसद का बजट सेशन 31 जनवरी को शुरू हुआ। सेशन का पहला भाग 13 फरवरी तक चलेगा और दूसरा सेशन 10 मार्च को फिर से शुरू होगा और 4 अप्रैल तक चलेगा।

इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि नए डायरेक्ट कर कोड या नए आयकर बिल को शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल सकती है और इसे अगले हफ्ते लोकसभा में पेश किया जा सकता है। बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने केंद्रीय बजट 2025 के दौरान ऐलान किया था कि केन्द्र न्यू इनकम टैक्स बिल लाएगा। न्यू इनकम अधिनियम पुराने आयकर अधिनियम 1961 को बदलने और नियमों और धाराओं को सरल बनाने का प्रयास करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को कहा, ‘नया आयकर बिल क्लियर और डायरेक्ट होगा।’

क्या है मकसद

बता दें कि सरकार ने पहले ही क्लियर कर दिया है कि बिल में कोई नया टैक्स नहीं लगाया जाएगा और केवल टैक्स नियमों को सरल बनाने, अस्पष्टताओं को दूर करने और टैक्सपेयर्स के लिए अनुपालन में आसानी सुनिश्चित करने पर फोकस किया जाएगा। इसके अलावा, मुकदमेबाजी को कम करने पर ध्यान देने के साथ मौजूदा कानून में कई संशोधन पेश किए जाने की उम्मीद है। प्रोविजन में से एक में कुछ अपराधों के लिए दंड में कमी शामिल हो सकती है, जिससे टैक्स ढांचे को कम दंडात्मक और अधिक टैक्सपेयर्स-फ्रेंडली बनाया जा सकता है। नए बिल का एक महत्वपूर्ण पहलू कानूनी भाषा का सरलीकरण भी होगा, ताकि सामान्य टैक्सपेयर्स भी टैक्स प्रोविजन और उनके इम्प्लीकेशन को आसानी से समझ सकें।

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