उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की महसी तहसील में दहशत का पर्याय बने आदमखोर भेड़िए को पकड़ने के लिए वन विभाग नई जुगत लगा रहा है। मादा भेड़िये के चीखने और रोने की प्री रिकॉर्डेड आवाज लाउडस्पीकर पर बजा रहा है।
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की महसी तहसील में दहशत का पर्याय बने आदमखोर भेड़िए को पकड़ने के लिए वन विभाग नई जुगत लगा रहा है। मादा भेड़िये के चीखने और रोने की प्री रिकॉर्डेड आवाज लाउडस्पीकर पर बजा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि चालाक आदमखोर भेड़िया मादा भेड़िये की चीख व रूदन सुन आकर्षित होकर वन अधिकारियों द्वारा लगाए जाल की ओर खिंचा चला आएगा और फंस जाएगा। इससे पूर्व भेड़ियों को पकड़ने के लिए हाथी की लीद, बच्चों के पेशाब से भीगी टेडी डाल्स, पटाखे व थर्मल ड्रोन इत्यादि का इस्तेमाल वन विभाग कर चुका है और कर रहा है।
बहराइच के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) अजीत प्रताप सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इस बार हम आदमखोर भेड़िए को दबोचने के लिए एक नया प्रयोग कर रहे हैं। मादा भेड़िये के रोने और चीखने की छोटे प्री रिकॉर्डेड आवाजें हम लाउडस्पीकर पर बजा रहे हैं। विशेषज्ञ लाउडस्पीकर की आवाज ना बहुत तेज ना बहुत धीमी रखकर, सिर्फ इतनी ही रख रहे हैं कि वो वास्तविक मादा भेड़िए की आवाज जैसी लगे। संभव है कि अपनी बिछड़ी हुई मादा भेड़िये से मिलती जुलती आवाज से आकर्षित होकर हमलावर भेड़िया हमारे लगाए जाल के नजदीक आए और जाल में फंस जाए।