ओडिशा की भाजपा सरकार ने इस योजना का नाम भगवान जगन्नाथ की छोटी बहन सुभद्रा के नाम पर रखा है। भगवान जगन्नाथ राज्य के हिन्दुओं के आराध्य देव हैं। 2028-29 तक यानी पांच वर्षों में इस योजना के जरिए राज्य की करीब एक करोड़ से अधिक महिलाओं को सालाना 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपने 74वें जन्मदिन पर ओडिशा सरकार की ‘सुभद्रा योजना’ का शुभारंभ करेंगे। इसके अलावा पीएम कई अन्य सामाजिक कल्याण परियोजनाओं की भी आधारशिला रखेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि राज्य भर में करीब एक करोड़ महिलाओं को सुभद्रा योजना के तहत कवर किया जाएगा। इसके तहत 21 से 60 वर्ष की आयु की प्रत्येक महिला को पांच साल तक दो किस्तों में सालाना 10,000 रुपये नकद ट्रांसफर किया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सूत्रों के अनुसार, राज्य की करीब एक लाख महिलाएं इस कार्यक्रम में शामिल होंगी, जहां प्रधानमंत्री महिला लाभार्थियों को आर्थिक सहायता की पहली किस्त वितरित करेंगे।
क्या है सुभद्रा योजना?
राज्य की भाजपा सरकार ने इस योजना का नाम भगवान जगन्नाथ की छोटी बहन सुभद्रा के नाम पर रखा है। भगवान जगन्नाथ राज्य के हिन्दुओं के आराध्य देव हैं। 2028-29 तक यानी पांच वर्षों में इस योजना के जरिए राज्य की करीब एक करोड़ से अधिक महिलाओं को सालाना 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह पैसा हर साल रक्षा बंधन और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के अवसर पर महिला लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा किया जायेगा।ओडिशा की उप मुख्यमंत्री पार्वती परिदा ने बताया है कि राज्य में सुभद्रा योजना के लिए अपना नाम पंजीकृत करा चुकीं 50 लाख से अधिक महिलाओं को 17 सितंबर को 5000 रुपये की पहली किस्त मिलेगी। परिदा ने कहा कि जिन महिलाओं ने 15 सितंबर तक योजना के लिए अपना पंजीकरण करा लिया है, उन्हें 17 सितंबर को उनके बैंक खातों के माध्यम से पहली किस्त मिल जायेगी। योजना के तहत पात्र महिलाओं को पांच साल की अवधि के लिए हर साल दो किस्तों में 5000 रुपये मिलेंगे। राज्य सरकार ने 2024-25 के वार्षिक बजट में इस योजना के लिए पहले ही 10,000 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है।