पूरे देश में भीषण गर्मी की मार से कई लोग मर चुके हैं। कोरोना महामारी के दौरान जिस तरह के मृतकों का आंकड़ा इकट्ठा किया जा रहा था ठीक वैसे ही अब हीट स्ट्रोक से मरने वालों का आंकड़ा भी इकट्ठा किया जाने लगा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इकट्ठे किए गए आंकड़ों के अनुसार, मार्च से अब तक देश में हीटस्ट्रोक से 110 मौतें हुई हैं। इनमें से छह पिछले मंगलवार को दर्ज की गईं। इसके अलावा, इस गर्मी में हीटस्ट्रोक के 40,272 मामले सामने आए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश (36) में हुईं, उसके बाद बिहार (17) और राजस्थान (16) में। उसके बाद बिहार, राजस्थान और ओडिशा में लोगों की जान गई हैं। हालांकि, हीटस्ट्रोक के सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए। रिपोर्ट के मुताबिक, अनौपचारिक रूप से शेयर किए गए आंकड़ों के अनुसार, एमपी में हीटस्ट्रोक के 10,636 मामले दर्ज किए गए, लेकिन सिर्फ पांच मौतों की पुष्टि हुई है। मई के अंत तक हीटस्ट्रोक से केवल 56 मौतें हुई थीं और कुल 24,849 मामले सामने आए थे।

एक अधिकारिक सूत्र ने बताया, “उपलब्ध आंकड़े राज्यों की ओर से दिए गए अंतिम आंकडें नहीं हैं। इसलिए यह संख्या बढ़ भी सकती है।” जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ 18 जून को ही हीट स्ट्रोक से छह लोगों की मौत हुई है। उत्तर और पूर्वी भारत के अधिकांश इलाके लंबे समय से भीषण लू की चपेट में है, जिससे हीट स्ट्रोक से होने वाली मौतों में वृद्धि हुई है और केंद्र को ऐसे मरीजों की देखभाल के लिए अस्पतालों में विशेष इकाईयां स्थापित करने का परामर्श जारी करना पड़ा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने बुधवार को देश में हीटवेव की स्थिति पर समीक्षा बैठक की थी, जिसके बाद स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ अतुल गोयल ने राज्यों को हीटवेव के लिए दिशा-निर्देश दोहराए थे। गोयल द्वारा राज्यों और अस्पतालों को भेजे गए पत्र में कहा गया है, “हमारे देश के अधिकांश क्षेत्रों में दिन और रात का तापमान लगातार सामान्य से अधिक रहता है। ऐसी स्थितियों में गर्मी से होने वाली गंभीर बीमारियों के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है, जिसमें हीट थकावट और हीटस्ट्रोक शामिल हैं। यह जरूरी है कि गंभीर एचआरआई के ऐसे मामलों की समय रहते पहचान की जाए, उन्हें प्राथमिकता दी जाए और उन पर तुरंत ध्यान दिया जाए।”

स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने बुधवार को निर्देश दिए कि सभी सरकारी अस्पतालों में ‘विशेष लू इकाई’ शुरू की जाए। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए की अस्पताल गर्मी से प्रभावित लोगों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवा प्रदान करें। उन्होंने लू और तापघात से निपटने के लिए अस्पतालों की तैयारी की समीक्षा की।

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