झांसी! राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा मण्डलीय ईको कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘हाई रिस्क प्रेग्नेन्सी मैनेजमेंट एंड रेफरल’ विषय पर मण्डल के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात चिकित्साधिकारियों से संवाद हेतु वर्चुअल सेमिनार का आयोजन किया गया
सेमिनार में विषय विशेषज्ञ के रूप में मुख्य वक्ता एम.एल.बी. मेडिकल की एशोसियेट प्रोफेसर डा. दिव्या जैन ने हाई रिस्क प्रेग्नेन्सी पर विस्तार से व्याख्यान दिया. उन्होंने बताया कि यदि समय से हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की पहचान, प्रबंधन एवं रेफरल किया जाये तो वर्तमान मातृ-मृत्यु की दर को आसानी से आधा किया जा सकता है। उन्होंने अपने अनुभवों को सांझा करते हुये कहा कि मेडिकल कालजे में पहुँचने वाली गर्भवती महिलाएँ अन्तिम समय में इस स्थिति में पहुँचती है कि उनकी जान बचाया जाना कठिन हो जाता है। यदि निचली स्तर की स्वास्थ्य इकाईयों पर हाई रिस्क प्रेग्नेन्सी की सही पहचान तथा रेफर करते समय आवश्यक औषधीय प्रबंधन कर दिया जाये तो मातृ मृत्यु को कम किया जाना आसान होगा डा. दिव्या ने चिकित्साधिकरियों को समझाते हुये बताया कि अधिक रक्त स्त्राव की दशा में मरीज को मानक के अनुरूप आई.वी. फ्लूड दिया जाये तो मरीज उच्च चिकित्सा संस्थान तक सही स्थिति में पहुँचेगा और उसे आगे की आवश्यक सेवाएँ मिल सकेगी। उन्होंने यह भी बताया कि मरीज को एम्बुलेन्स में लाने के दौरान रास्ते में उसका चिकित्सकीय प्रबंधन बहुत जरूरी है इसके लिये पी.एच.सी./सी.एच.सी. के चिकित्साधिकारी संबंधित स्टाफ को आवश्यक मार्गदर्श दें