सुनील गावस्कर का कहना है कि अगर कोई बड़ा नाम सोचता है कि भारत उसके बिना नहीं जीतेगा तो इन दो सीरीज ने दिखाया है कि आप वहां हैं या नहीं (इससे कोई फर्क नहीं पड़ता)। क्रिकेट एक टीम गेम है।

सुनील गावस्कर ने साधा विराट कोहली पर निशाना? बोले- अगर कोई सोचता है कि भारत उनके बिना नहीं जीत सकता तो....

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने बातों ही बातों में विराट कोहली पर निशाना साधा है। विराट कोहली इंग्लैंड के खिलाफ जारी 5 मैच की टेस्ट सीरीज का हिस्सा नहीं है। उन्होंने अपने दूसरे बच्चे के जन्म के चलते ब्रेक लिया है। हालांकि उनकी गैरमौजूदगी में युवा खिलाड़ियों का धाकड़ प्रदर्शन के दम पर भारत ने सीरीज में 3-1 की अजेय बढ़त बना ली है। हैदराबाद टेस्ट जीतकर जरूर इंग्लिश टीम ने अच्छी शुरुआत की थी, मगर इसके बाद रोहित शर्मा एंड ब्रिगेड ने इंग्लैंड को विशाखापट्टनम, राजकोट और रांची में धूल चटाई। सीरीज का आखिरी मैच धर्मशाला में खेला जाना है और इस मैच को जीतकर भारत की नजरें 4-1 से सीरीज खत्म करने पर होगी।

इंग्लैंड के खिलाफ इस सीरीज में युवा खिलाड़ियों का परफॉर्मेंस शानदार रहा है। यशस्वी जायसवाल का बल्ला इस सीरीज में आग उगल रहा है, वहीं रांची टेस्ट में ध्रुव जुरेल और आकाश दीप ने महफिल लूटी। इससे पहले राजकोट में सरफराज खान चमके थे, उन्होंने अपने डेब्यू मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक  जड़े थे। भारतीय खिलाड़ियों की फर परफॉर्मेंस से सुनील गावस्कर काफी खुश नजर आए।

गावस्कर ने बड़ा बयान देते हुए स्पोर्ट्स तक से कहा, “इसीलिए मैं हमेशा कहता हूं, आपको बड़े नामों की जरूरत नहीं है… अगर कोई बड़ा नाम सोचता है कि भारत उसके बिना नहीं जीतेगा तो इन दो सीरीज ने दिखाया है कि आप वहां हैं या नहीं (इससे कोई फर्क नहीं पड़ता)। क्रिकेट एक टीम गेम है। यह किसी एक व्यक्ति पर निर्भर नहीं है।”

सुनील गावस्कर ने यहां इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज के अलावा ऑस्ट्रेलिया की उस टेस्ट सीरीज को भी याद किया है जहां भारत ने युवा खिलाड़ियों के दम पर ऑस्ट्रेलिया का गाबा का घमंड तोड़ा था और सीरीज को 2-1 से अपने नाम किया था। बता दें, उस सीरीज का भी कोहली पहले मैच के बाद हिस्सा नहीं थे। वह अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए स्वदेश लौट आए थे।

सुनील गावस्कर ने स्पोर्ट्स तक से कहा, “भारत को ऑस्ट्रेलिया में कई बड़े नामों की कमी खली थी लेकिन फिर भी वे न केवल गाबा में बल्कि मेलबर्न में भी शानदार जीत हासिल करने में सफल रहे थे। उन्होंने 36 पर ऑलआउट होने के बाद वापसी की। मेलबर्न में जीत हासिल की और फिर सिडनी टेस्ट मैच बचाने के लिए कड़ी मेहनत की। अगर ऋषभ पंत आधे घंटे तक क्रीज पर टिक जाते तो भारत वह मैच भी जीत सकता था। लेकिन उस ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान युवा भारतीय खिलाड़ियों ने जो साहस, सहनशक्ति, धैर्य और दृढ़ संकल्प दिखाया वह इस बार इंग्लैंड के खिलाफ भी दिखाई दे रहा है।”

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