आज देश भर में हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर आपको ऐसी फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें हिंदी के महत्व को समझाने की कोशिश की गई है और इन फिल्मों को दर्शकों ने काफी पसंद भी किया है।

World Hindi Diwas 2024- India TV Hindi

आज देश भर में हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है और देश भर में इसका सम्मान किया जाता है। लेकिन देखा जाए तो हिंदी सिनेमा में हिंदी को प्रोत्साहित करने वाली फिल्में कम ही हैं जिसने इस भाषा की योग्यता को दिखाया हो। इस लिस्ट में अक्षय कुमार की फिल्म से लेकर दिवंगत बॉलीवुड एक्टर इरफान खान  तक की फिल्म के नाम शामिल है। आपने भी ये फिल्‍में जरूर देखी होंगी, लेकिन शायद हिंदी के महत्‍व की बात को आप सबने नोटिस नहीं किया होगा। आज हिंदी दिवस के मौके पर आपको बताते हैं ऐसी ही कुछ फिल्‍मों के बारे में, जो असल में हिंदी भाषा का पाठ पढ़ाती हैं।

नमस्ते लंदन’

‘नमस्ते लंदन’ में भला अक्षय कुमार की वो स्पीच कैसे भुलाई जा सकती है जो उन्होंने कैटरीना कैफ की सगाई के दौरान दी थी। इस स्पीच में उन्होंने भारत की सभ्यता के साथ साथ हिंदी के महत्व को भी बेहद हीू अच्छे तरीके से समझाया था।

‘हिंदी मीडियम’

दिवंगत बॉलीवुड एक्टर इरफान खान की सुपरहिट मूवी ‘हिंदी मीडियम’ जिसके नाम में ही हिंदी शब्द जुड़ा हुआ है। इस फिल्म की कहानी दिल्ली में रहने वाले एक व्यापारी राज बत्रा की है, जो अमीर है लेकिन उसे अंग्रेजी बोलनी नहीं आती, इसलिए वो चाहता है कि उसकी बच्ची अंग्रेजी स्कूल में पढ़े। इसके लिए वो कुछ भी करने को तैयार है।

‘इंग्लिश विंग्लिश’

इस लिस्ट में साल 2012 में डायरेक्टर गौरी शिंदे के निर्देशन में बनी दिवंगत एक्ट्रेस श्री देवी की फिल्म ‘इंग्लिश विंग्लिश’ का नाम भी शामिल है। फिल्म में श्री देवी  ने शशि का किरदार निभाया है, जिसे इंग्लिश नहीं आती है। ऐसे में अंग्रेजी न आने के कारण शशि यानी श्रीदेवी को बार-बार नीचा दिखाया जाता है।असल में इस फिल्‍म में ये मैसेज दिया गया है कि जिस अंग्रेजी को हमने अपने देश में इतना श्रेष्‍ठ बना दिया है कि इसके सामने हिंदी बोलने वाले हमें छोटे लगते हैं।

‘गोलमाल’

बॉलीवुड में हिंदी भाषा के महत्व को शुरुआती दौर से समझाया जा रहा है। इस कड़ी में बात करेंगे साल 1979 में आई फिल्म ‘गोलमाल’ की, जिसमें अमोल पालेकर लीड रोल में नजर आए थे। इस फिल्म में भी हिंदी की दुर्दशा और महत्व को बहुत ही बारिकी से समझाया गया है।

‘चुपके-चुपके’ (1975)

इस लिस्ट में धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन की पॉपुलर फिल्म ‘चुपके-चुपके’ का नाम भी शामिल है। वैसे तो ये एक काॅमेडी फिल्म थी, लेकिन इस फिल्म में जिस किसी ने भी धर्मेंद्र की हिंदी सुनी, वो उनका फैन हो गया। धर्मेद्र के शुद्ध हिंदी वाले डायलॉग को फैंस ने खूब पंसद किया था।

 

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