अयोध्या में बन रहे भव्य राममंदिर के लिए काशी प्रांत के चार हजार से ज्यादा मुसलमानों ने दान स्वरूप लाखों रुपये की धनराशि प्रदान की है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के काशी प्रांत के 27 जिलों में निधि समर्पण अभियान में मुसलमानों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था। यही कारण है कि काशी प्रांत से ही मुस्लिम समाज का सहयोग दो करोड़ रुपये से ज्यादा तक पहुंच गया।

Ram Mandir: Abdul-Iqra also gave funds for the courtyard of Ramlala, Shri Ram's paati is also being sent to th

राम-रहीम, कृष्ण-करीम और महादेव-मोहम्मद में एकरूपता की हामी रही काशी की धरा ने एक बार फिर मिसाल पेश की है। हिंदू आस्था के प्रतीक भगवान राम के भव्य दरबार के लिए पूर्वांचल के अब्दुल और अब्दुल्ला ने भी अपनी निधि समर्पित की है। इनके जैसे हजारों मुसलमानों ने काशी की पतितपावनी गंगा को साक्षी मानकर भगवान राम के अद्भुत मंदिर के संकल्प की सिद्धी की है। अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के लिए समर्पण राशि देने वाले मुस्लिम समाज के लोगों को भगवान श्रीराम की पाती भेजी जा रही है।

अयोध्या में बन रहे भव्य राममंदिर के लिए काशी प्रांत के चार हजार से ज्यादा मुसलमानों ने दान स्वरूप लाखों रुपये की धनराशि प्रदान की है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के काशी प्रांत के 27 जिलों में निधि समर्पण अभियान में मुसलमानों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था। यही कारण है कि काशी प्रांत से ही मुस्लिम समाज का सहयोग दो करोड़ रुपये से ज्यादा तक पहुंच गया।

परंपरा और सौहार्द की सिरमौर रही काशी में रामलला के अयोध्या में विराजमान होने के निर्णय के बाद ही मुस्लिम समाज भी समर्पण निधि का हिस्सा बन गया था। मर्यादा पुरुषोत्तम राम के प्रति मुस्लिम समाज के रुझान को देखते हुए आरएसएस ने प्रत्येक जिले में समर्पण निधि के कार्यक्रम आयोजित किए। 27 जिलों में 30 से ज्यादा कार्यक्रमों में चार हजार से ज्यादा मुसलमानों ने अपनी क्षमता के अनुसार मंदिर निर्माण में दान दिया।

जौनपुर के डाॅ. अब्दुल कादिर ने दिए एक लाख 11 हजार

जौनपुर के मोहम्मद हसन पीजी कालेज के प्राचार्य डॉ. अब्दुल कादिर ने राम मंदिर के निर्माण के लिए एक लाख 11 हजार रुपये की धनराशि दी है। डाॅ. कादिर का कहना है कि यह हमारे देश के लिए गौरव की बात है कि अयोध्या में श्रीराम का मंदिर का बन रहा है। मंदिर के निर्माण के लिए सहयोग राशि के जरिये यह संदेश देने की कोशिश है कि इस देश में हमें एक दूसरे की पूजा, परंपरा और तौर तरीकों का सम्मान करना चाहिए। जब हम समाज में एक दूसरे के सुख दुख में साथी हैं तो फिर मंदिर-मस्जिद में भेद नहीं कर सकते।

इकरा ने धनराशि समर्पित कर हाथ पर गुदवाया जय श्रीराम

वाराणसी की इकरा अनवर ने राम मंदिर निर्माण की शुरुआत होने से पहले महामंडलेश्वर जितेंद्रानंद सरस्वती से संपर्क किया और उन्हें मंदिर निर्माण कोष में 11 हजार रुपये की सहयोग राशि समर्पित की। इकरा अनवर ने अपने दाहिने हाथ पर जय श्रीराम भी गुदवाया है। महामंडलेश्वर जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि इकरा अनवर ने अपने समाज के कई लोगों को सहयोग के लिए प्रेरित भी किया। इसके पीछे उनकी मंशा सौहार्द की डोर को मजबूत करना ही है

काशी प्रांत के 27 जिलों में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग निधि समर्पण अभियान में भागीदार बने। मुस्लिम समाज के लोग सार्वजनिक मंचों तक बेहिचक समर्पण राशि देने पहुंचे। चार हजार से ज्यादा मुस्लिम समाज के लोगों ने सहयोग राशि प्रदान की है।

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