पूर्वोत्तर राज्य से लगातार हिंसा की खबरें सामने आने के बीच, मणिपुर सरकार ने मंगलवार को इंटरनेट बैन आंशिक रूप से हटाने का फैसला किया है। मणिपुर सरकार ने ब्रॉडबैंड इंटरनेट पर लगे प्रतिबंध को सशर्त आंशिक रूप से हटाने की घोषणा की।

हालांकि, मोबाइल इंटरनेट पर लगा प्रतिबंध जारी रहेगा। राज्य के गृह विभाग ने एक अधिसूचना में यह जानकारी दी। एक आधिकारिक आदेश में, राज्य के गृह विभाग ने कहा कि सरकार ने आम आदमी की पीड़ा को समझा है क्योंकि इंटरनेट प्रतिबंध ने महत्वपूर्ण कार्यालयों, संस्थानों, स्वास्थ्य सुविधाओं, घर से काम करने वाले लोगों आदि को प्रभावित किया है।

मोबाइल इंटरनेट सेवाओं तक पहुंच बंद होने के बावजूद, मणिपुर के नागरिक इंटरनेट लीज लाइन (आईएलएल) और फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) के माध्यम से इंटरनेट सेवाओं तक पहुंच सकते हैं। आदेश के अनुसार, ब्रॉडबैंड ग्राहक केवल स्टेटिक आईपी के माध्यम से इंटरनेट कनेक्शन तक पहुंच सकते हैं, और वे वाईफाई व हॉटस्पॉट सेवाओं का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। आदेश के नियमों और शर्तों के अनुसार, किसी भी मौजूदा वीपीएन सॉफ्टवेयर या नए वीपीएन को सिस्टम से हटा दिया जाएगा।

मणिपुर में पिछले करीब तीन महीने से जारी जातीय हिंसा के कारण इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। राज्य के गृह विभाग के मुताबिक इंटरनेट कनेक्शन केवल स्टेटिक आईपी के माध्यम से उपलब्ध होगा और संबंधित ग्राहक अस्थायी तौर पर दी गई अनुमति वाले कनेक्शन के अलावा कोई अन्य कनेक्शन स्वीकार नहीं करेगा। इस शर्त का अनुपालन न करने के लिए टीएसपी/आईएसपी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

संबंधित ग्राहक को किसी भी कीमत की अदायगी पर किसी भी राउटर और सिस्टम से वाईफ़ाई हॉटस्पॉट की अनुमति नहीं दी जाएगी। गृह विभाग ने बताया कि सरकार ने लोगों की पीड़ा पर विचार किया है, क्योंकि इंटरनेट पर प्रतिबंध के कारण कार्यालय और संस्थान प्रभावित हुए हैं और लोग घर से काम कर रहे हैं, इसके अलावा मोबाइल रिचार्ज, एलपीजी सिलेंडर बुकिंग, बिजली बिल का भुगतान और अन्य ऑनलाइन सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं। गृह विभाग ने कहा कि ब्रॉडबैंड इंटरनेट पर लगा प्रतिबंध कुछ शर्तों के साथ आंशिक रूप से हटाया जा रहा है।

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