प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पूरे देश को बड़ी सौगात दी है. पीएम मोदी ने आज यानी रविवार को दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन किया.

समारोह की शुरुआत पूजा-अर्चना के साथ की गई. इसके बाद पीएम मोदी ने ऐतिहासिक सेंगल को स्थापित किया. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया. बता दें, पीएम मोदी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नए संसद भवन को आज देश को समर्पित कर रहे हैं.

संसद भवन में स्थापित किया सेंगोलः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धार्मिक अनुष्ठान और पूजा के बाद नये संसद भवन में सेंगोल स्थापित कर दिया है. संसद भवन में सेंगोल की स्थापना के बाद पीएम मोदी ने तमिलनाडु के विभिन्न अधीनम संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया. इसके अलावा पीएम मोदी ने संसद भवन के निर्माण में शामिल श्रमजीवियों का भी अभिनंदन किया. बता दें, 18 मठों के मठाधीशों ने पीएम मोदी को आशीर्वाद देते हुए राजदंड सौंपा. राजदंड सदियों से शासन का प्रतीक रहा है इसका अर्थ है कि आप किसी के साथ अन्याय नहीं कर सकते हैं.

नये संसद भवन की खासियत

64,500 वर्ग मीटर फैला है नया संसद भवनः अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नए संसद भवन के भव्य उद्घाटन का आज पूरा देश गवाह बना है. त्रिभुजाकार आकार वाले इस चार मंजिला संसद भवन का क्षेत्र 64500 वर्ग मीटर है. इस भवन के तीन मुख्य द्वार हैं जिनके नाम क्रमशः ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार रखा गया है. इसमें वीआईपी, सांसदों और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार बनाए गए हैं.

देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई है निर्माण सामग्रीः नये संसद भवन की शानदार इमारत का निर्माण भी बेहद खास तरीके से हुआ है. इमारत निर्माण में उपयोग में लाई गई सामग्री देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई है. बात करें इमारत में लगी लकड़ी की तो इसे महाराष्ट्र के नागपुर से मंगाया गया है. वहीं, लाल और सफेद बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से लाया गया है. वहीं, हरा पत्थर उदयपुर से और लाल ग्रेनाइट और सफेद संगमरमर अंबाजी राजस्थान से मंगवाया गया है.

लोकसभा और राज्यसभा कक्षों में फाल्स सीलिंग के लिए स्टील की संरचना केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव से मंगवाई गई है. जबकि नये भवन के लिए फर्नीचर मुंबई में तैयार हुआ है. इमारत पर लगी पत्थर की जाली राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से मंगवाई गई है. अशोक चिह्न के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से लाई गई है. जबकि संसद भवन के बाहरी हिस्सों में लगी सामग्री को मध्य प्रदेश के इंदौर से मंगाया गया था.

नये संसद भवन की नक्काशी संसद भवन में लगे पत्थरों की नक्काशी आबू रोड और उदयपुर के मूर्तिकारों ने की है. वहीं, पत्थरों को कोटपूतली, राजस्थान से लाया गया है. नये संसद भवन में निर्माण गतिविधियों के लिए ठोस मिश्रण बनाने के लिए हरियाणा के चरखी दादरी में निर्मित रेत या एम-रेत का इस्तेमाल किया गया है. बता दें, एम रेत एक तरह की कृत्रिम रेत है, जिसे बड़े सख्त पत्थरों या ग्रेनाइट को बारीक कणों में तोड़कर बनाया जाता है. बता दें, नये संसद भवन में दोनों सदनों क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक में 1280 सदस्य एक साथ शामिल हो सकेंगे.

आज जारी होगा 75 रुपये का खास सिक्काः नये संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर एक 75 रुपये का खास स्मारक सिक्का भी जारी किया जाएगा. इस खास सिक्के का वजन 35 ग्राम है और यह चार धातुओं से मिलकर बना है. सिक्के के एक तरफ अशोक स्तंभ का शेर अंकित है, जिसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा है. इसके बाईं ओर देवनागरी में भारत और दाईं ओर अंग्रेजी में इंडिया लिखा होने के साथ ही रुपये का प्रतीक चिन्ह भी अंकित है. वहीं, सिक्के के दूसरी तरफ नए संसद भवन की तस्वीर अंकित है. इसके ऊपर देवनागरी में संसद संकुल और नीचे अंग्रेजी में पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स लिखा है. नीचे 2023 भी लिखा हुआ है.

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