पीएम मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन कर इसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया है. इस खास मौके पर पीएम मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास राजदंड को भी स्थापित किया.

वहीं, नये संसद भवन के उद्घाटन के दूसरे चरण में पीएम मोदी ने पूरे देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि आज नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय को गर्व हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस भवन में विरासत के साथ वास्तु, कला, कौशल समाया हुआ है. इसमें संस्कृति के साथ संविधान के स्वर भी मौजूद है.

नये भवन में समाहित हैं विविधताः नये भवन के उद्घाटन के दूसरे चरण में पीएम मोदी ने कहा कि लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर को ध्यान में रखकर बनाया गया है. राज्यसभा का हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है. जबकि इसके प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद मौजूद है. पीएम मोदी ने कहा कि यह हमारे देश में अलग-अलग हिस्सों की विविधता को एक जगह समाहित करना दर्शाता है. उन्होंने कहा कि यही भारत की ताकत है.

आजादी के अमृत उत्सव का उपहारः पीएम मोदी ने कहा कि पूरा देश आजादी का अमृत उत्सव मना रहा है, और आज का दिन विशेष हैं. इस अमृत महोत्सव में भारत के लोगों ने खुद को संसद के इस नए भवन का उपहार दिया है. उन्होंने पूरे देश को इस शुभ अवसर की बधाई दी है. पीएम मोदी ने कहा कि देश कि विकास यात्रा में ऐसे समय अमर हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि ये सिर्फ भवन नहीं हैं बल्कि 140 करोड़ों लोगों के सपनों का प्रतिबिंब हैं.

अहम कड़ी साबित होगा नया संसद भवन-पीएम मोदीः पीएम मोदी ने नये संसद भवन से कहा कि नया संसद भवन योजना को यथार्थ से, नीति को निर्माण से और इच्छा शक्ति को क्रियाशक्ति से और संकल्प को सिद्धि से जोड़ने वाली अहम कड़ी साबित होगा. यह नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने का नया माध्यम बनेगा. यह आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा.

विकास यात्रा में कुछ पल अमर हो जाते हैं-पीएम मोदीः पीएम मोदी ने कहा कि देश की विकास यात्रा के कुछ पल अमर हो जाते हैं और आज भी ऐसा ही एक दिन है. पीएम मोदी ने राजदंड का जिक्र करते हुए कहा जब भी नए संसद भवन में कार्यवाही शुरू होगी यह सेंगोल हम सभी को प्रेरणा देता रहेगा. उन्होंने कहा कि सेंगोल अंग्रेजों से सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक था हमने इसे उचित सम्मान दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत आज वैश्विक लोकतंत्र का बहुत बड़ा आधार है. लोकतंत्र हमारे लिए एक संस्कार, एक विचार और एक परंपरा है.

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