2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर पर सवार होकर बीजेपी ने 282 सीटों पर जीत हासिल की थी. 2019 के लोकसभा चुनाव तक आते-आते ये लहर मोदी सुनामी में तब्दील हो चुकी थी.
किसी ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिंदुत्ववादी राजनीति का असर बताया तो कोई इसे बीजेपी की सियासी विचारधारा में राष्ट्रवाद का तड़का बताया. ये बात सच भी नजर आती है. हाल ही में सामने आए एक सर्वे में भी इसका दावा किया गया है.
एबीपी और सीवोटर की ओर से किए गए एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव जीत कर भले ही कांग्रेस को जोश अपने चरम पर पहुंच गया हो, लेकिन नरेंद्र मोदी को टक्कर देना इतना आसान नहीं होने वाला है. सर्वे में सामने आया है कि पीएम मोदी के पास दो ऐसे सियासी हथियार हैं, जो किसी भी पार्टी को बेबस कर देते हैं. आइए जानते हैं कि वो कौन से दो कारण हैं, जिनके चलते पीएम मोदी लगातार चुनाव जीतते जा रहे हैं?
हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के इर्द-गिर्द घूमती पीएम मोदी की राजनीति
सर्वे में लोगों से सवाल पूछा गया था कि आपको क्या लगता है PM मोदी की राजनीति हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के इर्दगिर्द घूमती है? सर्वे में शामिल 58 फीसदी लोगों ने हां में अपना जवाब दिया था. ये सभी लोग मानते हैं कि पीएम मोदी की राजनीति हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के चारों ओर घूमती है. वहीं, 23 फीसदी लोगों ने इससे इनकार किया था, जबकि 19 फीसदी ऐसे लोग थे जिन्होंने इस सवाल पर कुछ कह नहीं सकते के विकल्प को चुना.
भारतीय राजनीति के हिसाब से देखें तो ये दोनों ही वजहें बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करती हैं. सर्वे के नतीजों पर नजर डालें तो साफ दिखाई पड़ता है कि 58 फीसदी लोगों का मानना है कि पीएम नरेंद्र मोदी की राजनीति में हिंदुत्व और राष्ट्रवाद का मिश्रण है. जिस पर 58 फीसदी लोगों ने इस बात को मानकर अपनी मुहर भी लगाई है.
पीएम मोदी की राजनीति पर किस मुद्दे का असर ज्यादा है?
सर्वे में शामिल 23 फीसदी लोगों का मानना है कि पीएम मोदी की राजनीति का हिंदुत्व और राष्ट्रवाद से कोई लेना-देना नहीं है. वहीं, 19 फीसदी लोगों का मत है कि वो इस सवाल पर अपनी कोई राय नहीं दे पाएंगे.