दिल्ली में सतर्कता विभाग के विशेष सचिव पर सस्पेंस बरकरार है। अब दिल्ली सरकार ने विशेष सचिव (सतर्कता) वाईवीवीजे राजशेखर की बहाली को रद्द कर दिया है। दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने राजशेखर को हटाने का निर्देश दिया था।

अब उनकी बहाली को रद्द करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि वो ही उनकी बहाली जारी रखने और रद्द करने के लिए सक्षम प्राधिकारी हैं। दिल्ली सरकार में निगरानी विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को विजिलेंस निदेशालय की तरफ से जारी किये गये ऑर्डर को अनाधिकृत और गैरकानूनी बताया है। इतना ही नहीं उन्होंने निर्देश दिया है कि राजशेखर से सभी काम और फाइल ले लिये जाएं। प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के बीच चल रहे मौजूदा टशन में यह ताजा डेवलपमेंट हुआ है। दिल्ली में सेवा अधिकारों को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के बाद विजिलेंस निदेशालय की तरफ से विशेष सचिव (सतर्कता) राजशेखर की बहाली के जो निर्देश दिया गया था वो पहला निर्देश था।

इस अध्यादेश में दिल्ली में ब्यूरोक्रेट्स के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार के बजाए उपराज्यपाल के पास ही रहेगा। 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकारी दिल्ली सरकार के पास ही रहेगा। इसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से अध्यादेश लाया गया था। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वो सक्षम प्राधिकारी हैं और सोमवार को राजशेखर की बहाली का जो आदेश दिया गया है उसे रद्द किया जाता है। वो आदेश गैरकानूनी है और उसपर कोई ऐक्शन ना लिया जाए। इसके पहले राजशेखर को भारद्वाज के आदेश के बाद ही हटाया गया था। लेकिन निदेशालय की तरफ से आदेश मिलने के बाद वो अपना कार्यभार भी संभाल लिया था। हालांकि, विभाग के मंत्री द्वारा दिये गये आदेशों पर राजशेखर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मामला न्यायाधीन है। राजशेखर ने कहा, ‘मैंने ऐसा कोई निर्देश नहीं देखा है। मुझे क्यों टारगेट किया जा रहा है। जहां तक मेरी बात है, हम सभी स्वार्थरहित होकर काम कर रहे हैं। मुझे मेरे काम पर ध्यान देने दीजिए।’

इससे पहले वाईवीवीजे राजशेखर ने आरोप लगाया था कि 15-16 मई की रात उनके कार्यालय में ताला तोड़ कर लोग घुसे थे और वहां फाइल से छेड़छाड़ किया गया था। राजशेखर ने दावा किया था कि कुछ संवेदनशील फाइलों से छेड़खानी की गई थी। इसमें सीएम के बंगले के निर्माण से जुड़े फाइल और शराब घोटाले से जुड़े फाइल शामिल हैं। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद संवैधानिक तौर पर दिल्ली सरकार के प्रति ही सभी अफसर जवाबदेह हैं। भारद्वाज ने कहा कि विजिलेंस मंत्री के तौर वो ही विभाग के सभी कार्यों को लेकर सक्षम प्राधिकारी हैं।

शीर्ष न्यायालय के आदेश के पहले दिल्ली के उपराज्यपाल ही सेवा मामलों के सक्षम प्राधिकारी थे। केंद्र सरकार के अध्यादेश लाए जाने के बाद एक बार फिर उपराज्यपाल ही सक्षम प्राधिकारी बनाए गए हैं। भारद्वाज ने कहा कि विजिलेंस निदेशालय ने राजशेखर की बहाली का निर्देश दिया लेकिन सक्षम प्राधिकारी होने के नाते उन्होंने इसे अप्रूव नहीं किया है। इसलिए यह आदेश अनाधिकृत है और इसे गैरकानूनी घोषित किया जाता है। इस आदेश के बाद अब कोई ऐक्शन नहीं लिया जाएगा।

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