
विजडम इंडिया संवाददाता।
नई दिल्ली।
20 नवंबर को स्वामी वैद्य शाला द्वारा आयोजित आहार और स्वास्थ्य एवं परिवार विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया। सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय वैद्य डा.स्वामीनाथ मिश्र ने कार्यक्रम कीअध्यक्षता करते हुए आयुर्वेद में आहार के चिकित्सीय महत्व को बताया। डा. मिश्र ने कहा कि आहार को पथ्य के रुप में ग्रहण करते हुए औषधि का सेवन रोगी को शीघ्र लाभ पहुंचाता है।

विशिष्ट अतिथि संजीवनी आयुर्वेद के प्रमुख डा. सी.पी.वर्मा ने कहा कि भोजन ग्रहण करते समय इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उदर का वायुसंचरण के लिए एक भाग अवश्य रिक्त छोड़ दें। ऐसा करने से पेट में वायु का संचरण अच्छा होता है और भोजन का पाचन उचित होकर मल का निष्कासन भी अच्छी तरह हो जाता है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मा.श्री रासविहारी जी केंद्रिय मंत्री विहिप ने विस्तार से हिंदू जीवन में आहार के महत्व को बताया।उन्होने कहा कि हमारे ऋषियों ने आहार को भारतीय संस्कृति और धर्म से जोड़कर सामान्य जन तक पहुंचाया। आज हम अपनी संस्कृति और आहार विचार से दूर होते जा रहे हैं। आज आवश्यकता है कि परिवार एक साथ बैठकर भोजन ग्रहण करे। मा. श्री रासविहारी जी ने अत्यन्त प्रेरक वक्तव्य में भोजन, भजन, भवन, भूषा तथा भेषज आदि में स्वदेशी को अपनाने का सुझाव दिया।

कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि को साल आदि के द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर स्वामी वैद्य शाला द्वारा अन्य सम्मानित अतियों को भी उत्तरीय वस्त्र आदि द्वारा सम्मानित किया गया,जिनमें श्री सुबोध पुरोहित प्रांत संगठन मंत्री विहिप, श्री लवीश जी प्रांत संगठन मंत्री संस्कृत भारती,श्री सुनील कुमार गुप्ता जी विभाग धर्मा चार्य प्रमुख ,पं.अजय शास्त्री जिला मठ मंदिर संपर्क प्रमुख,श्री राजेन्द्र शर्मा जिला मंत्री विहिप, श्री गुलशन जी सह जिला मंत्री विहिप, कुमारी कोमल जी, कु. दीपिका शर्मा,श्री विक्रम रस्तोगी धर्माचार्य प्रमुख विहिप,शास्वत जी ,पं.सतीस तिवारी आदि रहे।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने बड़े उत्साह से भाग लिया ,जिनमें, राजेश वत्स जी,सतीश जी, ज्ञानेश्वर (ज्ञानी जी),रनजीत जी, राजनाथ पाण्डेय जी, सुनील सिंहल,कमलेश यादव जी रमाकांत मिश्र जी आदि प्रमुख थे।कार्यक्रम में उपस्थित न होते हुए भी सारी व्यवस्था स्वामी वैद्य शाला के निदेशक डा. अवधेश पाण्डेय जी ने किया। कार्यक्रम का संयोजन वैद्य शाला की प्रमुख संचालिका डा. शिवानी मिश्रा पाण्डेय ने किया।
पंडित अजय शास्त्री ने स्वस्ति वाचन किया। डा.वैद्य स्वामीनाथ मिश्र जी ने आये सभी अतिथियों तथा आयोजन समिति का धन्यवाद ज्ञापन किया।
