दिल्ली के साथ एनसीआर के शहर भी इस जानलेवा पलूशन से परेशान हैं। डॉक्टर 6 महीने के लिए दिल्ली छोड़ने को कह चुके हैं और एम्स हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात की बात की है। इस बीच भारत के टॉप पलूशन वाले शहरों की लिस्ट में दिल्ली नहीं है। जी हां आप चौंक सकते हैं पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, इस लिस्ट में टॉप पर है, इसके बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा का नंबर आता है। दिल्ली का शाम 4 बजे का AQI 392 था, जो “बहुत खराब” श्रेणी में रहा और “गंभीर” स्तर से सिर्फ नौ अंक कम था।
टॉप प्रदूषित शहरों की लिस्ट में दिल्ली के अलावा गुरुग्राम और फरीदाबाद भी उस लिस्ट में नीचे हैं। गुरुग्राम और फरीदाबाद “खराब” श्रेणी में थे, जिनका AQI क्रमशः 300 और 265 दर्ज किया गया। बुधवार को भारत के 10 सबसे प्रदूषित शहर NCR के ही थे, जो इस बात को रेखांकित करता है शीर्ष तीन शहरों के बाद, हापुड़, रोहतक, मेरठ, बुलंदशहर, बागपत और भिवाड़ी का नंबर था।
11 नवंबर से लगातार नौ दिनों तक CPCB के दैनिक बुलेटिन में PM2.5 ही एकमात्र प्रमुख प्रदूषक रहा है। विशेषज्ञों ने इसके लिए वाहनों से निकलने वाले धुएं (उत्सर्जन), औद्योगिक दहन (जलाने) और अवैध कचरा जलाने के मिश्रण को जिम्मेदार ठहराया है। CPCB के समीर ऐप (Sameer App) के डेटा से पता चला कि नवंबर में 19 दिनों तक PM2.5 प्राथमिक प्रदूषक बना रहा। PM10 सात दिन और CO (कार्बन मोनोऑक्साइड) दो दिन तक हावी रहा।तुलना में, अक्टूबर में PM2.5 22 दिन, PM10 24 दिन, CO चार दिन और SO_2 (सल्फर डाइऑक्साइड) एक दिन तक हावी रहा था।
सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) के विश्लेषक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि सर्दियों में मेट्रो शहरों में कणों के कुल भार में PM2.5 की हिस्सेदारी 40 से 60 प्रतिशत तक होती है और यह PM10 से कहीं अधिक जहरीला होता है। उन्होंने कहा, “दिल्ली के करीब होने के कारण, गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता का स्तर, विशेष रूप से PM2.5 की सघनता (Concentrations), काफी अधिक बनी रहती है, खासकर शाम और रात के समय जब ज्यादातर अवैध तरीके से कचरा जलाया जाता है।”
बुधवार को गुरुग्राम के चारों वायु-निगरानी स्टेशन चालू थे, और यहां दर्ज किए गए आंकड़े बताते हैं कि
मानेसर नगर निगम (MCM) ने औद्योगिक कचरा जलाने के कई “हॉटस्पॉट” की पहचान की है। MCM के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमें कई सेक्टरों, जैसे 79, 82, 83, 6 और IMT के पास, में अनधिकृत औद्योगिक कचरा जलाने की शिकायतें मिली हैं। हमारी टीमें रात के समय गश्त कर रही हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि तय किए गए कूड़ा स्थलों (designated garbage points) पर कोई आग नहीं लगी है।
MCM के संयुक्त आयुक्त हितेंद्र कुमार ने कहा कि चार सहायक स्वच्छता अधिकारियों की दो सतर्कता टीमें (vigilance teams) तैनात की गई हैं। उन्होंने बताया, “कई FIR दर्ज की गई हैं और चालान जारी किए गए हैं। पहले पहचाने गए हॉटस्पॉट जैसे सेक्टर 8 और NH8 के पास खाली प्लॉटों को अब अवैध डंपिंग और कचरा जलाने से मुक्त कर दिया गया है।”
सेक्टर 67A, गुरुग्राम में रहने वाले लगों ने Ireo कॉरिडोर के पास फिर से कचरा जलाने की घटनाओं की सूचना दी। एक यात्री, संदीप सिंह ने कहा, “बार-बार शिकायत करने के बावजूद, MCG (गुरुग्राम नगर निगम) कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।” MCG के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 12 एएसआई (ASI) की स्वच्छता सुरक्षा टीमें सख्त निगरानी रखेंगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मंगलवार को 34 और सोमवार को 51 चालान जारी किए गए थे।
