अयोध्या में राममंदिर पर ध्वजारोहण समारोह का शुभारंभ आज यानी गुरुवार से कलश यात्रा के साथ शुरू हो जाएगा। ध्वज पूजन का अनुष्ठान शुक्रवार से शुरू होगा। अनुष्ठान के लिए गुरुवार की दोपहर ढ़ाई बजे से कलश यात्रा निकाली जाएगी। इस बार यह आयोजन सरयू तट के संत तुलसीदास घाट पर किया गया है। अनुष्ठान को लेकर काशी व दक्षिण भारत समेत अन्य स्थानों से वैदिक आचार्यों का दल यहां पहुंच गया है। अनुष्ठान के मुख्य आचार्य काशी निवासी जयप्रकाश त्रिपाठी हैं। आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी पिछले जून माह में हुए राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित राम दरबार व परकोटे के छह मंदिरों सहित शेषावतार मंदिर की मूर्ति प्रतिष्ठा के भी मुख्य आचार्य थे। वहीं अतिथियों को लाने के लिए नया प्लान भी तैयार किया गया है।

इस अनुष्ठान में भी देश भर के 108 वैदिक आचार्यों को शामिल किया गया है जो कि चतुर्वेद के साथ विविध ग्रंथों के पारायण, जप व हवन-पूजन में हिस्सा लेंगे। पहले दिन कलश पूजन व वरुण पूजन के साथ कलश यात्रा शुरू होकर लता मंगेशकर चौक से राम पथ होते हुए हनुमानगढ़ी, दशरथ राजमहल, कनक भवन व रामलला देवस्थानम के साथ रंगमहल बैरियर पहुंचेगी। पुनः सभी जलपूरित कलशों को यज्ञमंडप में रखवाया जाएगा।

ध्वजारोहण समारोह में आमंत्रित अतिथियों को राम मंदिर के कार्यक्रम स्थल तक लाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत नया प्लान तैयार किया गया है। इस प्लान के अन्तर्गत सभी अतिथियों को आदि गुरु रामानंदाचार्य प्रवेश द्वार से इंट्री नहीं मिलेगी। बताया गया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से अलग-अलग चार स्थानों पर सभी आमंत्रित अतिथियों को बुलाकर एकत्र किया जाएगा। पुनः तीर्थ क्षेत्र अपने निर्धारित वाहनों से अतिथियों को राम मंदिर के निकटतम स्थल तक पहुंचाएगी।

इनमें राम पथ के पूर्वी क्षेत्र व कारसेवक पुरम् एवं जानकी घाट स्थित कनक महल में एकत्र होने वाले अतिथियों को यूनियन बैंक के सामने से रंगमहल बैरियर व राम गुरेरा बैरियर से प्रवेश दिया जाएगा। इसी तरह बाग बिजैसी में एकत्र अतिथियों को टेढ़ी बाजार से रेलवे स्टेशन होते हुए श्रीराम अस्पताल के सामने तक लाया जाएगा। यहां चेकिंग के बाद ही आदिगुरु रामानंदाचार्य प्रवेश द्वार से प्रवेश मिलेगा।

राम मंदिर में ध्वजारोहण समारोह 25 नवम्बर विवाह पंचमी को है। श्रीसीताराम विवाहोत्सव के अवसर पर यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं लेकिन आम श्रद्धालुओं के लिए रामलला के दर्शन बंद रहने का ऐलान किया गया था। इसके कारण उन्हें निराशा हाथ लगेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रद्धालुओं को निराश नहीं लौटने देना चाहते हैं इसलिए उन्होंने देर शाम अति विशिष्ट अतिथियों की विदाई के बाद दर्शन शुरू कराने पर विचार करने की अपील की है। उनकी इस अपील पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने तय किया है कि देर शाम से लेकर शयन आरती के पहले संभव हुआ तो दर्शन कराया जाएगा। भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र का कहना है कि तीर्थ क्षेत्र ने निर्णय लिया है कि 26 नवम्बर को वीआईपी पास नहीं जारी किया जाएगा।

वहीं सभी आम श्रद्धालुओं को दर्शन कराया जाएगा और जरुरी हुआ तो मंदिर 15-16 घंटे भी खोला जाएगा। उन्होंने बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान दूसरे दिन जिस तरह की भीड़ उमड़ी थी, वह स्थिति एक बार फिर से पैदा हो सकती है। ऐसी स्थिति में कोई रिस्क लेने के बजाय सभी को दर्शन सुलभ कराने का निर्णय लिया गया है।

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