
बैठक में कुल 10 सदस्य उपस्थित थे, जिनमें आयुर्वेद चिकित्सक, एलोपैथी के शिक्षित परंतु आयुर्वेद औषधि निर्माता, योग विशेषज्ञ, फिजियोथेरेपी विशेषज्ञ, एनसीआईएसएम में कार्यरत वैद्य तथा आयुर्वेद औषधि के मैन्युफैक्चरिंग एवं मार्केटिंग के विशेषज्ञ शामिल थे। उपस्थित व्यक्तियों में डॉ. वैद्य स्वामीनाथ मिश्र, डॉ. संघमित्रा दास, डॉ. हिमांशु शेखर तिवारी, डॉ. अवधेश पाण्डेय, डॉ. सुनील चौबे, दीपक सहगल, डॉ. एन. के. गोयल, डॉ. शुभम रोहिल्ला, डॉ. शिवानी मिश्रा पाण्डेय तथा अन्य सदस्य शामिल थे।
बैठक का प्रारम्भ एवं समापन वैदिक मंत्रों के साथ हुआ और इसका संयोजन डॉ. विजय कौशिक ने किया। वैद्य स्वामीनाथ मिश्र जी ने अपने मार्गदर्शन से प्रान्त के आगामी कार्य योजना, कार्यकर्ता निर्माण तथा दायित्व बँटवारे के विषय में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। बैठक में उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।
बैठक में लिये गये प्रमुख निर्णय निम्नलिखित हैं:
1. प्रांतीय बैठक प्रति माह आयोजित की जाएगी, जिसमें सभी क्षेत्रीय संयोजक उपस्थित रहेंगे।
2. दिल्ली को पाँच ज़ोन (उत्तरी, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम एवं मध्य) में विभाजित कर प्रत्येक ज़ोन की मासिक बैठक आयोजित की जाएगी। प्रत्येक ज़ोन के लिए संयोजक एवं सह‑संयोजक की नियुक्ति की जाएगी। डॉ. विजय कौशिक ने स्वयं अपनी सेवाएँ देने की स्वीकृति दी।
3. डॉ. हिमांशु शेखर तिवारी तथा डॉ. शुभम रोहिल्ला ने ज़ोन संयोजक के रूप में कार्य करने की सहमति प्रदान की।
परिषद की महासचिव डॉ. संघमित्रा दास ने आयुर्वेद के छात्रों के लिए गहन अध्ययन कार्यक्रम, चिकित्सकों के लिए दक्षता विकास कार्यक्रम तथा औषधियों की गुणवत्ता पर विशेष कार्यक्रमों की याद दिलाई और सभी को प्रकोष्ठो को और अधिक मजबूत करने का आग्रह किया।
बैठक के पश्चात जलपान के साथ सदस्यगण प्रस्थान किये। इस अवसर पर डॉ. विजय कौशिक जी के परिवार की ओर से प्राप्त सम्मान, सहयोग एवं सेवा के लिए सभी ने हृदय से आभार व्यक्त किया।
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प्रकाशनार्थ-
विश्व आयुर्वेद परिषद,
