उत्तर प्रदेश के लखनऊ केजीएमयू के डॉक्टरों ने संक्रमित घुटने की जटिल सर्जरी कर महिला को दर्द से निजात दिलाने में कामयाबी हासिल की है। इससे पहले महिला के घुटने के तीन ऑपरेशन हो चुके थे। इसके बावजूद घुटनों में पस और संक्रमण काबू में नहीं आया। केजीएमयू में ऑपरेशन के बाद महिला को संक्रमण से निजात मिल गई है। दर्द में भी राहत मिली है। सफल सर्जरी के बाद महिला के परिवारीजनों ने भी राहत की सांस ली। उनके चेहरे पर खुशी दिखी। परिवार वालों ने डॉक्टर को धन्यवाद दिया।

कुशीनगर निवासी शांति देवी (65) ने कुछ समय पर घुटना प्रत्यारोपण कराया था। गुजरे लगभग एक साल पहले घुटने में संक्रमण हो गया। भीषण दर्द से उनका चलना-फिरना दुभर हो गया। परिवारीजन मरीज को लेकर कुशीनगर के निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने जरूरी जांच कराई। डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी। परिवारीजन ऑपरेशन को राजी हो गए। ऑपरेशन किया। कुछ महीने बाद घाव से पस आने लगा। घबराए परिवारीजन मरीज को लेकर गोरखपुर पहुंचे। यहां भी डॉक्टरों ने जांच के बाद ऑपरेशन की सलाह दी। डॉक्टरों ने दूसरा ऑपरेशन किया। कुछ समय बाद फिर समस्या गंभीर हो गई। इसके बाद यहां के डॉक्टरों ने तीसरा ऑपरेशन किया। इसके बावजूद महिला को राहत नहीं मिली।

तीन असफल ऑपरेशन से मरीज टूट चुकी थीं। परिवारीजनों का हौसला भी पस्त हो चुके थे। लेकिन मरीज ने फिर हिम्मत दिखाई। परिवारीजन मरीज को लेकर केजीएमयू पहुंचे। हड्डी रोग विभाग के डॉ. नरेंद्र कुशवाहा ने मरीज को देखा। दो चरणों में ऑपरेशन करने की योजना बनाई। डॉ. नरेंद्र कुशवाहा ने बताया कि पहले चरण में संक्रमित इम्प्लांट हटाकर एंटीबायोटिक सीमेंट स्पेसर लगाया गया। संक्रमण पूरी तरह काबू में आ गया। उसके बाद दूसरा ऑपरेशन किया। जिसमें टोटल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई। उन्होंने बताया कि चौथी और अत्यंत जटिल सर्जरी होने के बावजूद ऑपरेशन सफल रहा।

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