पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर चलाया। इसके तहत, भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तानी सेना की अग्रिम चौकियों पर मध्यम मशीन गनों (MMGs) से हमला किया और भारी नुकसान पहुंचाया। 7-8 मई की रात पाकिस्तान की ओर से अकारण युद्धविराम का उल्लंघन किया गया, इसके जवाब में भारतीय सेना ने त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की। एक सैनिक ने बताया कि पाकिस्तानी गोलीबारी के पैटर्न को समझा गया और सेकंडों में जवाबी हमला हुआ। इस तरह उनकी चौकियां, हथियार डिपो और लॉन्चिंग पैड को नष्ट कर दिया गया। भारतीय सेना के सटीक ऐक्शन ने पाकिस्तानी ड्रोन को भी मार गिराया, जो उनकी नाकाफी ट्रेनिंग के कारण नाकाम रहे। दुश्मन ने ड्रोन तो भेजे लेकिन वे दूसरे देश के थे, इसलिए पाकिस्तानी सैनिकों को उन्हें संभाल ही नहीं पाए।

पाकिस्तानी सेना को सैन्य चौकियों पर जवाबी कार्रवाई में असफलता मिली, तो उसके सैनिक बौखला गए। उन्होंने नागरिक क्षेत्रों पर हमला शुरू कर दिया। इंडियन आर्मी के लेफ्टिनेंट ने बताया कि 7 मई की रात लगभग 1:30 से 2:00 बजे के बीच पाकिस्तान ने युद्धविराम का उल्लंघन किया और नागरिकों को निशाना बनाया। इसके जवाब में भारतीय बटालियन ने 10 मिनट के भीतर पाकिस्तानी अग्रिम चौकियों और लॉन्चिंग पैड्स पर तेज गोलीबारी की, जिससे उनकी कई चौकियां पूरी तरह नष्ट हो गईं। भारतीय सेना की गोलीबारी सटीक और प्रभावी थी, जबकि पाकिस्तानी गोलीबारी या तो निशाने से चक गई या नागरिक क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाया।

ऑपरेशन सिंदूर आतंकी ढांचे को ध्वस्त करने की मुहिम

ऑपरेशन सिंदूर को नियंत्रण रेखा के पार और पाकिस्तान के भीतर आतंकी ढांचे को नष्ट करने के लिए टारगेटेड अभियान के तौर पर शुरू किया गया। सेना के एक कप्तान ने बताया कि इस ऑपरेशन में प्रत्यक्ष गोलीबारी के साथ-साथ मोर्टार और एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों (ATGM) का उपयोग किया गया, जिससे पाकिस्तान की 10-12 चौकियां नष्ट हुईं। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी गोला-बारूद भंडार को भी ध्वस्त कर दिया। एलओसी पर तारबंदी को कड़ा कर दिया गया है। भारतीय सेना का मनोबल ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद चरम पर है। अस्थिर सीमा पर सेना पूरी सतर्कता और तैयारियों के साथ डटी हुई है।

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