पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच उभर रहे ‘नये और जटिल खतरों’ के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से 7 मई को ‘मॉक ड्रिल’ आयोजित करने को कहा है। सभी राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए परिपत्र में कहा गया है कि ‘मॉक ड्रिल’ के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाना, नागरिकों को ‘किसी भी हमले’ की सूरत में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना और बंकरों एवं खाइयों की साफ-सफाई शामिल है।
अन्य उपायों में दुर्घटना की स्थिति में ‘ब्लैकआउट’ के उपाय, महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों की रक्षा तथा निकासी योजनाओं को अद्यतन करना एवं उनका पूर्वाभ्यास करना शामिल है। अब केंद्र सरकार ने एक ट्यूटोरियल वीडियो जारी कर आमजनों को बताया है कि संकट की घड़ी में क्या करना है और क्या नहीं करना है, इसकी मॉक ड्रिल कैसे की जानी है। इस बीच, भारतीय वायुसेना बुधवार से पाकिस्तान से लगी पश्चिमी सीमा पर दो दिवसीय सैन्य अभ्यास करेगी, वायुसेना के कर्मियों को इस बावत नोटिस जारी किया गया है।
सायरन बजते हो जाएं सतर्क, तेजी से उठाएं बचाव के कदम
वायु सेना के इसी अभ्यास के बीच देशभर में मॉक ड्रिल भी होनी है। केंद्र सरकार और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी किए गए वीडियो में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के खातिर सभी लोगों को ये सुरक्षा उपाय करने की सलाह दी जाती है। उसमें कहा गया है कि सुरक्षा सीमा पर से शुरू नहीं होती हल्कि यह आपसे शुरू होती है। वीडियो में बताया गया है कि जब भी खतरे का सायरन बजे तो सतर्क हो जाएं और तेजी से सुरक्षात्मक कदम उठाएं।
खतरे के समय में क्या करें?
वीडियो में कहा गया है कि खतरे का अलार्म सुनते ही तुरंत अपने घरों के अंदर सभी लाइट ऑफ कर दें। इसके अलावा पंखे और सभी इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बंद कर दें। खिड़की पर से हटे पर्दों को तुरंत खींच दें और घर को अंधेरा कर दें। खिड़कियों को बंद कर दें। इसमें कहा गया है कि रोशनी की एक चिंगारी भी दुश्मन को आपके ठिकाने का पता दे सकती है और उससे आप संकट में फंस सकते हैं। वीडियो में कहा गया है कि मॉक ड्रिल के वक्त इस तरह के उपाय करना संकट को बुलावा देना नहीं बल्कि संकट से निपटने की ये सटीक तैयारी है।
क्या कर सकते हैं बच्चे और किशोर
वीडियो में कहा गया है कि हमारा देश जानता है कि संकट के समय में हमें अपने लोगों को कैसे सुरक्षित बचाना है। इसलिए अपने बच्चों को बताएं कि उन्हें ऐसे समय में क्या करना है? बच्चों को पर्दे खींचना सिखाइए। किशोर ऐसे समय में दादा-दादी या नाना-नानी की मदद कर सकते हैं और उन्हें सुरक्षित जगह पहुंचा सकते हैं। घरों की लाइट्स बंद कर सकते हैं। केंद्र सरकार के इस वीडियो में कहा गया है कि पूरे परिवार को ऐसे समय में शांतचित होकर एक जगह बैठ जाना चाहिए और उन्हें तैयार रहना चाहिए।
नागरिकों, स्वयंसेवकों को क्या निर्देश
केंद्र सरकार ने कहा है कि पूरे शहर में इसी तरह की जानकारी सभी को साझा की जानी चाहिए और युवा और स्वयंसेवक घर की छतों पर जाकर यह चेक करें कि कहीं किसी घर से प्रकाश की कोई किरण बाहर तो नहीं निकल रही है। महिलाओं को घरों और आस-पड़ोस की बुजुर्ग महिलाओं को मदद करने और सीमा पर जवानों को शांत, सचेत और निगाहें चौकस रखने की सलाह दी गई है।
वीडियो में कहा गया है कि ये भारत है और हर मुश्किलों से लड़ना जानता है। गांव से लेकर शहर तक सभी जगह ब्लेकआउट कर संकट से डरना नहीं बल्कि अपनों की मदद करना और देश से प्यार करना जानते हैं। वीडियो में सभी लोगों से अपील की गई है कि किसी भी सूरत में डरें नहीं, शांत रहें और दूसरों की मदद कर उन्हें अपना प्यार दें क्योंकि भारत किसी भी विपरीत परिस्थिति में एक रहना जानता है।
244 जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास और रिहर्सल
बता दें कि 7 मई को हेने वाले ‘मॉक ड्रिल’ में वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो-संचार लिंक का संचालन, नियंत्रण कक्षों और छाया नियंत्रण कक्षों की कार्यक्षमता का परीक्षण भी शामिल है। अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड महानिदेशालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है, ‘‘मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य में नये और जटिल खतरे/चुनौतियां उभरी हैं, इसलिए यह समझदारी होगी कि राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों में हर समय इष्टतम नागरिक सुरक्षा तैयारियां बनाए रखी जाएं।’’इसमें कहा गया है कि सरकार ने सात मई को देश के 244 जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास और रिहर्सल आयोजित करने का निर्णय लिया है।