बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब देते हुए नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला। इस दौरान डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और तेजस्वी के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। जिसके बाद सदन में हंगामा शुरू गया। स्पीकर नंद किशोर यादव ने किसी तरह मामला शांत कराया। दरअसल तेस्जवी ने सम्राट चौधरी के पिता का नाम लिए बिना कहा कि नीतीश कुमार के बारे में क्या बोलते थे, वो किसी से छिपा नहीं है। क्या आपके पिताजी ने मुख्यमंत्री के लिए अपशब्द नहीं बोला? नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के बारे में क्या बोला था। अगर नहीं बोले थे, तो खड़े होकर बोलिए।

जिसके बाद सम्राट चौधरी भी भड़के गए, उन्होने कहा कि नेता विरोधी के तौर पर अपना भाषण दीजिए। आपके पिताजी ने क्या क्या बोला? यह बताइए। मैं तो जेल भी गया था। लालू जी ने लाठी से मुझको पिटवाया, यह भी मैं नहीं भुला हूं। इसके बाद राजद और भाजपा के विधायक हंगामा करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों पक्षों को शांत करवाते हुए कहा कि आपलोग एक-दूसरे पर व्यक्तिगत आक्षेप मत कीजिए।

इससे पहले सम्राट चौधरी पर तंज कसते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि कि वो असली भाजपाई नहीं हैं। इस पर सम्राट चौधरी ने कहा कि जो नकली समाजवादी हैं। उन्हें सब नकली ही लगता है। इनको लगता है समाजवाद पर इनके परिवार का ही कब्जा रहा है। तब तेजस्वी यादव ने सम्राट से पूछा कि आप आरएसएस कब ज्वाइन किए? आप नागपुर गए कब थे? इस पर सम्राट चौधरी भड़क गए और भाजपा विधायक हंगामा करने लगे। उधर तेज प्रताप यादव भी उंगली दिखाते हुए सम्राट चौधरी को चुप रहने के लिए कहते रहे।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि लालू यादव ने 150 साल के जुर्म को चंद सालों में खत्म कर दिया। उन्होंने दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों को उपहार दिया। 1990 के बाद लालू जी ने दंगे नहीं होने दिए। दंगा फैलाने वाले को उन्होंने बिहार की जमीन पर गिरफ्तार करवाया। लालू जी ने हर जात के लोगों को मंत्री, एमएलसी, एमपी और एमएलए बनाया।

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