बिहार चुनावी मौसम में सियासी दलों की जुबानी जंग जारी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत एनडीए के नेता 2005 से पहले के लालू-राबड़ी के शासनकाल की याद दिलाकर जंगलराज बताते आए हैं। जिसका जवाब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा में बजट पर राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान दिया। तेजस्वी ने कहा कि आप बताइए 2005 दाखिल खारिज में कितना घूस मांगा जाता था। 2005 से पहले कोई सीएम, पीएम को पैर छूता था। कोई सीएम सेंट्रल यूनिवर्सिटी मांगता था तो नहीं मिलता था क्या? अब तक पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा नहीं मिला। 2005 से पहले उल्टी किताब पढ़ने वाला मुख्यमंत्री नहीं था। 2005 से पहले अपनी उपलब्धि को छिपाने वाला मुख्यमंत्री नहीं था। 2005 से पहले अफसरशाही नहीं था। जनता का सम्मान होता था।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 2005 के बाद सरकार में एक बरसात में कई पुल गिर गए। बालिका गृह और सृजन घोटला को 2005 के बाद ही हुआ। इतना ही नहीं 1400 लीटर शराब चूहा पी जाता है। तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा कि “बिहार में चूहों की बहार है, क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीशे कुमार है।” उन्होंने कहा कि देश में सबसे कम साक्षरता दर बिहार में है। किसान की सबसे ज्यादा दयनीय स्थिति बिहार में है। बिजली का बिल सबसे ज्यादा बिहार में है। गुणवत्ता शिक्षा में सबसे ज्यादा हाल खराब बिहार की है। अगर हमारे कार्यकाल में ढाई लाख शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती तो बिहार सबसे कम शिक्षकों वाला राज्य बिहार होता। आज बीपीएससी पेपरलीक हो रहा है। बीपीएससी में गड़बड़ी लगातार हो रहा है। कोई युवाओं की सुन नहीं रहा है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने पिता लालू प्रसाद के कार्यकाल की याद दिलाई। उनकी उपलब्धियां गिनाई। कहा कि गरीबों को लालू जी ने न्याय दिलाया। खटिया पर बैठाया। सामाजिक न्याय किया। लालू जी की तुलना किसी से करना गलत है। अब तो लालू जी को गाली दे-देकर पद पा रहे हैं। यह भी लालू जी की उपलब्धि है। सम्राट चौधरी कहते हैं कि लालू जी पर अटैक करो। नई पीढ़ी ने लालू राज को देखा नहीं।
तेजस्वी ने परिवारवाद के मुद्दे पर एनडीए विधायाकों को घेरा। कहा कि चारा घोटाला की बात करते वालों ने पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा के बेटे को मंत्री बना दिया। मंत्री सम्राट चौधरी, संतोष सुमन, नितिन नवीन, अशोक चौधरी समेत कई नेता परिवारवाद का उदाहरण हैं। इन पर क्यों नहीं बोलते। तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मेरे पत्र का जवाब नहीं दिया इस बात का मुझे दुख है। नया बिहार बनाने के लिए हमें आप सब का आशीर्वाद चाहिए। इसके बाद विजय सिन्हा ने कहा कि आपके बिहार को गाली देने में आपके पिताजी का काफी योगदान है।