लोगों ने सीपीआर का महत्व समझा

इसमें बड़ी संख्या में अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों ने सीपीआर का जीवन के लिए महत्व समझा और डमी पर विशेषज्ञों की देखरेख में जीवन बचाने का हुनर सीखा। रविवार को संजय वन के मुख्य द्वार पर सुबह छह बजे और गुरुद्वारा बाबा नामदेव किदवई नगर में 11 बजे दैनिक जागरण सीपीआर कार्यशाला का आयोजन होगा।

आमतौर पर रक्त में मस्तिष्क और अन्य अंगों को कुछ मिनटों तक जीवित रखने के लिए पर्याप्त आक्सीजन होती है, लेकिन जब तक कोई व्यक्ति सीपीआर नहीं करता है, तब तक यह प्रसारित नहीं होती है। सीपीआर अचानक हुए हादसे का शिकार, करेंट लगने, डूबने, हृदय घात और अन्य गंभीर स्थितियों में सीपीआर संजीवनी के रूप में काम करता है। यह बंद हुए दिल को आर्टिफिशियल रूप से सांस प्रदान करने का सबसे उपयोगी क्रिया है।

 

अपार्टमेंट में रहने वालों ने बारी-बारी सीपीआर का महत्व समझा और मन में उठने वाले प्रश्नों का उत्तर विशेषज्ञों से जाना। इसके बाद डा. एके पाहूजा, मनोज आडवाणी, दिलीप बजाज, पूरन, रवि, रतन रजानी, डा. एके त्रिपाठी, रागिनी, रंजना, मनीषा, सीमा, गुरदीप, अर्चना सहित अपार्टमेंट में रहने वालों ने डमी पर सीपीआर देने का प्रशिक्षण हासिल किया।

 

लोगों में दिखा उत्साह

डबल पुलिया के रहने वाले रामचंद्र थवानी ने बताया कि दैनिक जागरण की पहल से हर किसी को सीपीआर का प्रशिक्षण हासिल करने का मौका मिल रहा है। यह जीवन बचाने का प्रशिक्षण हर किसी के काम आता है। इसमें निपुणता जरूरी है।

 

काकादेव के प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि सीपीआर के बारे में सुना था, लेकिन कैसे दिया जाता है। इसका सही तरीका विशेषज्ञों से जाना। दैनिक जागरण की पहल बेहतर है। जो स्वस्थ समाज के लिए जागरूक कर रही है।

 

डबल पुलिया के मोहित राजानी ने बताया कि सीपीआर की जरूरत किसी को भी कहीं पड़ सकती है। दैनिक जागरण अभियान चलाकर इसके लिए जागरूक कर रहा है। यह समाज को नई दिशा देने वाला अभियान होगा।

 

रतन कृति अपार्टमेंट के शशि सिंह ने बताया कि सीपीआर हर किसी के लिए उपयोगी है। इसकी जरूरत किसी को भी पड़ सकती है। सीपीआर अभियान जीवन बचाने की कला में हर किसी को प्रशिक्षित कर रहा है। जो जीवन उपयोगी है।

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