मधुबनी प्रिंटिंग वाली साड़ी में दिखीं वित्त मंत्री
लोकसभा में शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जैसे ही प्रवेश हुआ, वैसे ही उनकी वेशभूषा ने संकेत कर दिया कि आज बिहार के लिए सबसे खास दिन साबित होने वाला है। हुआ भी ऐसा ही। सीतारमण ने बिहार के लिए सात बड़ी घोषणाएं कीं।
मखाना बोर्ड की स्थापना
मखाना उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन एवं विपणन की स्थिति में सुधार के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना होगी। इसके जरिए मखाना कारोबार से जुड़े लोगों को किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के रूप में संगठित किया जाएगा।
इससे मखाना की खेती से जुड़े किसानों एवं श्रमिकों की आमदनी में वृद्धि होगी। साथ ही प्रसंस्करण कंपनियों को भी काम एवं दाम का लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार के इस फैसले से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस संकल्प को संबल मिलेगा, जिसमें उन्होंने प्रत्येक भारतीय की थाली में कम से कम एक व्यंजन पहुंचाने का संकल्प वर्षों पहले लिया था।
कोसी नहर परियोजना के उद्धार के लिए मदद
मिथिलांचल की राजनीति पहले से ही बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए के अनुकूल रही है। वर्षों से लंबित पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के उद्धार के लिए केंद्र सरकार ने वित्तीय मदद का वादा किया है। इस परियोजना के विस्तार एवं आधुनीकरण के बाद मिथिला के 50 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि को खेती के लिए पानी मिल सकेगा।
बिहार का टाल क्षेत्र भी राजनीति के लिहाज से उर्वर है। यहां दाल की खेती ज्यादा होती है। बजट में कहा गया है कि अगले चार वर्षों के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अरहर, उड़द एवं मसूर की सारी उपज की खरीदारी होगी।
पटना एयरपोर्ट का विस्तार
वर्तमान में बिहार के हवाई अड्डों को यात्रियों का भारी दबाव का सामना करना पड़ता है। बिहटा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण की घोषणा से विकास को पंख लगेगा। यह बिहटा एवं पटना एयरपोर्ट से अलग होगा। ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का निर्माण पूरी तरह नए स्थान पर किया जाता है। जहां पहले से कोई ढांचा मौजूद नहीं रहता है। सीतारमण ने पटना एयरपोर्ट के विस्तार का भी वादा किया है।
किसानों के लिए बड़े एलान
बजट में बिहार के लिए बड़ी घोषणाओं में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलाजी एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट प्रमुख है। इससे कृषि उत्पादों का प्रससंक्रण होगा। किसानों को उनकी उपज के उचित दाम मिलेंगे। उनकी दशा में सुधार होगा। साथ ही हजारों की संख्या में रोजगार का भी सृजन होगा।
आईआईटी के लिए भी बड़े एलान
देश के पांच आईआईटी के बुनियादी ढांचे में विस्तार का लाभ पटना स्थित आईआईटी को भी मिलेगा। यहां छात्रावास समेत अन्य तरह की अवसंरचना का विकास होगा।
केसीसी की लोन सीमा में वृद्धि
राष्ट्रीय स्तर पर लघु एवं सीमांत किसानों के लिए केसीसी की लोन सीमा में वृद्धि का फायदा बिहार के किसान भी उठाएंगे। बिहार में अभी 40 लाख से अधिक किसानों के पास केसीसी है। उन्हें सस्ती दर पर ऋण मिल सकेगा, जिससे खेती संबंधी समस्याओं का समाधान हो पाएगा।