महाकुंभ में मकर संक्रांति के अवसर पर पहले शाही स्नान के दौरान संतों समेत 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखाड़ों, मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस, स्वच्छताकर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों एवं धार्मिक संस्थाओं, नाविकों तथा महाकुंभ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों का साधुवाद करने के साथ प्रदेशवासियों को बधाई दी है।

डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक के जरिए देर रात से ही भीड़ नियंत्रण की मॉनीटरिंग हो रही है।। रात में थर्मल इमेजिंग के हिसाब से क्राउड कंट्रोल किया गया तो दिन में टीथर्ड ड्रोन व सीसीटीवी से ट्रैफिक को मॉनिटर कर रहे हैं। घाटों की लंबाई अधिक होने के कारण संगम नोज पर इस बार अधिक दबाव नहीं है। पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं के साथ संवेदनशीलता के साथ व्यवहार कर रहे हैं। श्रद्धालु अब प्रयागराज के साथ चित्रकूट, विंध्यवासिनी धाम, वाराणसी व अयोध्या की तरफ भी जाएंगे। इन शहरों के रास्तों पर भी श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो, हमने इसकी भी व्यवस्था की है।
हर जगह कैमरे की नजर में
प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने कहा कि मकर संक्रांति पर 3.50 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। मुख्यमंत्री पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। पीएम मोदी की अपेक्षा थी कि इसे डिजिटल महाकुंभ के रूप में स्थापित किया जाए। इसे देखते हुए पूरे मेला क्षेत्र को कैमरे से स्कैन किया गया है। गूगल लोकेशन, यूपीआई समेत सारी सुविधा उपलब्ध कराते हुए इसे डिजिटल स्वरूप देने का प्रयास किया गया है। भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक मैनेजमेंट, खोया-पाया लोकेशन आदि में एआई समेत टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है।
सीएम योगी ने महाकुम्भ को सनातन धर्म की अनुपम शक्ति और आस्था का प्रतीक बताते हुए कहा, “प्रथम अमृत स्नान पर्व पर आज 3.50 करोड़ से अधिक पूज्य संतों और श्रद्धालुओं ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ के प्रथम अमृत स्नान पर्व के सफल आयोजन के लिए सभी संबंधित विभागों और संगठनों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “सनातन धर्म के आधार सभी पूज्य अखाड़ों, महाकुम्भ मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वच्छताकर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों एवं धार्मिक संस्थाओं, नाविकों तथा महाकुम्भ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद।”
