संभल जिले के गांव सिंहदलनपुर में प्रशासन ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) के आदेशों के उल्लंघन में चल रहे चार अवैध ईंट भट्टों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें बंद कराया। डीएम के निर्देश पर साढ़े ग्यारह महीने बाद की गई इस कार्रवाई में एसडीएम आनंद कुमार कटारिया के नेतृत्व में तहसीलदार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, वाणिज्य कर सहायक आयुक्त और खनन निरीक्षक की टीम ने भाग लिया।

 

जिले में 108 अवैध भट्टे संचालित

एसडीएम ने बताया कि जिले में 108 अवैध भट्टे चल रहे हैं और इन्हें बंद करने का अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक सभी भट्टों पर कार्रवाई नहीं हो जाती। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी के बिना रायल्टी जमा नहीं हो सकती, फिर भी नियमों को दरकिनार कर लाखों रुपये के टैक्स बचाए जा रहे हैं।

जानकारों के अनुसार, एक 21 पाया के भट्टे के संचालन में करीब छह से आठ लाख रुपये सालाना खर्च आता है, जिसमें रायल्टी, सेल्स टैक्स, इनकम टैक्स और जिला पंचायत टैक्स शामिल हैं। प्रशासन का कहना है कि जब तक सभी अवैध भट्ठे बंद नहीं हो जाते, यह अभियान जारी रहेगा। 

सिर्फ चंदौसी में अवैध कब्जों पर चल रहा बुलडोजर: डीएम

वहीं, संभल में शहर में मकानों पर बुलडोजर चलाने वाली बात को लेकर जिलाधिकारी डा. राजेंद्र पैंसिया ने कहा कि सिर्फ और सिर्फ चंदौसी में ही बुलडोजर चल रहा है। सड़क किनारे नालों और फुटपाथ पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। किसी के मकानों को नहीं तोड़ा जा रहा है। कहा कि लगभग एक माह से यह कार्रवाई चंदौसी में जारी है। 

सड़क पर जो भी दुकानें अतिक्रमण की जद में आई हैं। उनको दूसरी जगह दुकानें दी जाएंगी। इसमें सभी शहरवासियों का सहयोग भी है। संभल की हिंसा पर कार्रवाई को लेकर जिलाधिकारी ने कहा कि सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश पर ही कार्रवाई की जाएगी। कहीं भी कोई कार्रवाई होगी तो कानून के अंतर्गत होगी। चाहें वह संभल में हो, चंदौसी में हो या फिर गुन्नौर में हो। किसी भी तहसील में हो।
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