जिले में तीन लाख 59 हजार राशन कार्ड धारकों से करीब 14 लाख सदस्य जुड़े हैं। राशन कार्ड धारक परिवार के सभी सदस्यों की ई-केवाईसी कराने के लिए जून माह में निर्देश दिए गए थे। जिसमें यह भी कहा गया था कि जून माह के अंत तक यदि ई-केवाईसी नहीं हो पाई तो कार्ड धारकों को राशन का वितरण नहीं किया जाएगा। कई बार तिथियों को बढ़ाया गया।

सत्यापन की गति धीमी होने के चलते छह माह में अभी तक आठ लाख 18 हजार 131 सदस्यों का ही सत्यापन हो पाया है। यदि दिसंबर के अंत तक सत्यापन नहीं हो पाया तो नए वर्ष में राशन कार्ड धारकों को राशन मिलने में समस्या हो सकती है। जिले में तीन लाख 59 हजार राशन कार्ड धारक हैं। इन राशन कार्ड में 13 लाख 77 हजार 495 सदस्य शामिल हैं।

विभाग ने राशनकार्ड में जुड़े सभी सदस्यों की ई-केवाईसी कराने के निर्देश जून माह में दिए थे। जिसमें राशन कार्ड धारकों को जून के अंत तक कोटेदारों के यहां जाकर ई-पाश मशीन के जरिए अपनी ई-केवाईसी करवाना था। जून माह में सत्यापन की प्रक्रिया में तेजी रही। जून माह में ही करीब दो लाख सदस्यों की ई-केवाईसी हो गई थी।

छह लाख लोगों की ई-केवाइसी अभी भी अधूरी

शासन ने तिथि बढ़ाते हुए ई-केवाईसी में तेजी लाने के निर्देश दिये, लेकिन सुस्त चाल से हो रही ई-केवाइसी में छह माह बीत जाने के बाद भी अब तक आठ लाख 18 हजार 131 सदस्यों का ही सत्यापन हो पाया है। करीब छह लाख सदस्यों की ई-केवाइसी अभी भी शेष है। 

राशन कार्ड धारकों को सुविधा दी गई है कि वह प्रदेश के किसी भी सरकारी राशन की दुकान से ई-केवाईसी करा सकते हैं। जो राशन कार्ड धारक प्रदेश से बाहर हैं, वह जन-सुविधा केंद्र से भी ई-केवाईसी करा सकते हैं। सभी कार्ड धारकों के प्रत्येक सदस्य की ई-केवाईसी होनी अनिवार्य है। 

जिनकी केवाईसी नहीं होगी, उनका नाम सूची से हटा दिया जाएगा। इस दौरान कोटेदार भी घर-घर जाकर भी राशन कार्ड धारकों के सदस्यों की ई-केवाईसी कर रहे हैं।

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