“सफलता एक दिन में नहीं मिलती, मगर ठान ले तो एक दिन जरूर मिलती है।” यूपीएससी परीक्षा हमारे की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा में से एक है। इस परीक्षा को पास करना बहुत ही मुश्किल है। बहुत सारे लोग अगर एक बार प्रयास कर असफल हो जाते हैं तो वे हिम्मत हारकर दूसरा प्रयास ही नहीं करते हैं और अपना सपना बीच में ही अधूरा छोड़ देते हैं। लेकिन विजेता वो ही बनता है जो अंत तक मैदान में डटकर खड़ा रहता है।
इंजीनियरिंग करने के बाद लाखों की इंटरनेशनल कंपनी की नौकरी ठुकरा दी, पहले प्रयास में यूपीएससी प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाईं। लेकिन दूसरे प्रयास में कमाल कर दिखाया और ऑल इंडिया रैंक 3 हासिल की। जानिए आईएएस अधिकारी गामिनी सिंगला की प्रेरणादायक कहानी।
चंडीगढ़ से की बी.टेक की पढ़ाई-
गामिनी सिंगला पंजाब के आनंदपुर साहिब की रहने वाली हैं। उनके पिता डॉक्टर आलोक सिंगला और डॉक्टर नीरजा सिंगला मेडिकल ऑफिसर हैं। गामिनी सिंगला ने चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की है।
इंटरनेशनल कंपनी की नौकरी ठुकरा दी-
बी.टेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद गामिनी सिंगला को इंटरनेशनल कंपनी जेपी मार्गन में काम करने का ऑफर आया था, लेकिन उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए लाखों की नौकरी ठुकरा दी और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में लग गईं।
पहले प्रयास में मिली असफलता-
पहले प्रयास में गामिनी सिंगला यूपीएससी प्रीलिम्स पास नहीं कर पाईं थीं लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दूसरी बार प्रयास किया और इस बार उन्हें बहुत बड़ी सफलता हासिल हुई। उन्हें यूपीएससी परीक्षा 2021 में रैंक 3 प्राप्त की।
पिता ने किया सपोर्ट-
गामिनी सिंगला यूपीएससी तैयारी के दौरान रोज 9 से 10 घंटे पढ़ाई करती थीं। उनकी तैयारी के दौरान उनके पिता ने उन्हें बहुत ज्यादा सपोर्ट किया और परीक्षा की तैयारी में उनकी सहायता की। इस समय गामिनी सिंगला बल्दीराय तहसील में एसडीएम के रूप में कार्यरत हैं।