बेरूत में एक बंकर पर हवाई हमला कर हिज्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्ला को मार गिराने के बाद, अब इज़रायल ने मंगलवार को घोषणा की कि उसने दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह को निशाना बनाते हुए जमीनी हमले शुरू कर दिए हैं. इज़रायल के इस जमीनी ऑपरेशन को लेकर कई तरह की जानकारियां भी सामने आयी हैं.
कब शुरू हुआ आक्रमण?
सोमवार देर रात, इज़रायल की सेना ने दक्षिणी लेबनान के सीमावर्ती क्षेत्रों में हिज़्बुल्लाह के खिलाफ ‘लिमिटेड और टारगेटेड रेड्स’ शुरू किए.
इज़रायल की ग्राउंड फोर्स को लड़ाकू विमानों और आर्टलरी फायर से समर्थन मिलता है.
अमेरिका ने सोमवार को कहा था कि इजरायली सेना लेबनान में सीमित अभियान चला रही है. इसके कुछ ही घंटों बाद इजरायली सेना ने औपचारिक रूप से जमीनी आक्रमण शुरू कर दिए.
सेना ने ये नहीं बताया कि घुसपैठ में कितने सैनिक शामिल थे, लेकिन कहा कि उसका 98वां डिवीजन, जिसमें पैराट्रूपर्स और कमांडो इकाइयां शामिल थीं, इस हमले में शामिल हैं.
इजरायल के टारगेट क्या हैं?
सेना ने कहा कि सटीक खुफिया जानकारी पर वो दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर कार्रवाई कर रही है.
इसमें कहा गया है, “ये टारगेट सीमा के नजदीक गांवों में स्थित हैं और उत्तरी इज़रायल में इजरायली समुदायों के लिए तत्काल खतरा पैदा करते हैं.”
ये जमीनी हमला हाल के हफ्तों में इजरायली हवाई हमलों में कई शीर्ष हिज्बुल्लाह कमांडरों के मारे जाने के बाद हुआ है, जिसमें शुक्रवार को नसरल्ला की मौत भी शामिल है.
रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने हमले की घोषणा से कुछ घंटे पहले सोमवार को चेतावनी दी, “नसरल्लाह का खात्मा एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन ये अंतिम नहीं है.”
गैलेंट ने सैनिकों से कहा, “हम सेनाएं, हवा से हमला, समुद्र से हमला और जमीन पर हमला, उन सभी साधनों का उपयोग करेंगे, जिनकी जरूरत हो सकती है.”
इज़रायल क्या हासिल करना चाहता हैं?
पिछले साल 8 अक्टूबर से ही हिज्बुल्लाह सीमा पार से रॉकेट दाग रहा है, जिससे उत्तरी इज़रायल में 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं.
इजरायली आंकड़ों पर आधारित एएफपी टैली के अनुसार, हिज्बुल्लाह ने कहा है कि वो 7 अक्टूबर को इज़रायल पर हमले के बाद से गाजा में अपने इस्लामी सहयोगी हमास के साथ एकजुटता से काम कर रहा था. उस हमले के बाद से 1,205 इज़रायली लोगों की मौत हो चुकी है.
हाल के सप्ताहों में सीमा पार से होने वाली झड़पें और तेज़ हो गई हैं.
गैलेंट ने 18 सितंबर को घोषणा की कि युद्ध का अब उत्तर की ओर मुड़ रहा है.
उन्होंने कहा, “अब ये सुनिश्चित करने का समय आ गया है कि उत्तर से विस्थापित लोग अपने घरों को लौट सकेंगे.”
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सहित अन्य अधिकारियों ने बार-बार विस्थापित लोगों को उनके घरों में वापस लौटाने की बात कही है.
नेतन्याहू ने पिछले महीने एक बयान में कहा, “हम हिज्बुल्लाह पर हमला करना जारी रखेंगे… जिसके लिविंग रूम में मिसाइल और घर में रॉकेट है, उसके पास घर नहीं होगा.”