बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने आरजी कर कांड को लेकर चल रहे विरोध-प्रदर्शनों को केंद्र की साजिश करार दिया है। ममता ने मृतका के परिवार को रुपये की पेशकश के आरोप को नकारते हुए आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों से जल्द से जल्द काम पर लौटने का अनुरोध किया।
उन्हें बातचीत का भी न्योता दिया है। सोमवार को राज्य सचिवालय नवान्न में हुई प्रशासनिक बैठक में ममता ने कहा, ‘यह (आरजी कर कांड के बाद जारी विरोध-प्रदर्शन) निश्चित रूप से केंद्र की साजिश है। इसमें कुछ वामपंथी दल भी शामिल हैं। यह मामला अब सीबीआई के हाथों में है। इसके बावजूद बंगाल में अशांति फैलाने की कोशिश की जा रही है। वे पड़ोसी देश (बांग्लादेश) में उथल-पुथल का फायदा उठाना चाहते हैं, लेकिन भूल गए हैं कि भारत और बांग्लादेश अलग राष्ट्र हैं। वाट्सऐप ग्रुप के जरिए भी पूरी दुनिया में बंगाल का नाम बदनाम करने की साजिश चल रही है।’
नहीं की रुपये की पेशकश: ममता
ममता ने आगे कहा, ‘मैंने मृत महिला डॉक्टर के परिवार को कभी रुपये की पेशकश नहीं की। यह बदनाम करने की साजिश है। मैंने उनसे यही कहा था कि वे अगर अपनी बेटी की याद में कुछ करना चाहते हैं तो हमारी सरकार उनके साथ है। हमने सुबूत मिटाने की भी कोशिश नहीं की। हम किसी को क्यों बचाएंगे?’
ममता ने आरजी कर अस्पताल में तैनात किए गए सीआईएसएफ के जवानों को रहने के लिए जगह नहीं देने के केंद्र के आरोप पर कहा, ‘केंद्र अगर किसी को भेजेगा तो उसका दायित्व उसे ही लेना होगा। आप सारी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर डालकर झूठ बोल रहे हैं कि जगह नहीं दी जा रही।’
‘रोजाना बढ़ाई जा रही जवानों की संख्या’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से तीन जगह दी गई है, लेकिन रोजाना (सीआईएसएफ जवानों की) संख्या बढ़ाई जा रही है। आरजी कर अस्पताल के आसपास अगर और जगह लगेगी तो इसकी व्यवस्था कर दी जाएगी, लेकिन अगर भीड़भाड़ वाली जगह पर दो घंटे के अंदर जगह ढूंढकर देने को कहा जाएगा तो कैसे संभव होगा?
इस्तीफा देने आए थे पुलिस आयुक्त: ममता
ममता ने कहा, ‘कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने विरोध-प्रदर्शनों के बाद पिछले सप्ताह इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन मैंने नामंजूर कर दिया। कारण, दुर्गापूजा से पहले राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अनुभवी अधिकारियों की जरूरत है। किसी भी अधिकारी को जिम्मेदार ठहराने के बजाय इस समय राज्य की शांति को बरकरार रखना जरूरी है।’ मालूम हो कि आरजी कर कांड की आरंभिक जांच में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाकर जूनियर डॉक्टर विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
‘एक महीना हो गया, अब काम पर लौटें’
ममता ने आंदोलनकारियों से उत्सव की ओर लौटने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘घटना को एक महीना हो चुका है। मैं आपसे काम पर लौटने का अनुरोध करती हूं। आंदोलनकारी स्वास्थ्य भवन जाकर जो मांगें करके आए थे, उन सबको मान लिया गया है। पुलिस ने भी आंदोलन करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। मैं चाहती हूं कि शांतिपूर्वक बातचीत के जरिए इसका समाधान निकाला जाए। जूनियर डॉक्टर चाहें तो पांच-दस लोगों का प्रतिनिधिदल बनाकर बातचीत के लिए आ सकते हैं।’
टास्क फोर्स के गठन का दिया निर्देश
ममता ने अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने की भी बात कही। उन्होंने इस बाबत पुलिस को जल्द से जल्द अपराजिता टास्क फोर्स के गठन का निर्देश दिया। स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को सुरक्षा के बाबत 100 करोड़ रुपये आंवटित करने का भी निर्देश दिया है, जिससे अस्पतालों में विश्राम गृह व शौचालय का निर्माण और पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक अस्पताल की रोगी कल्याण कमेटी का अध्यक्ष उक्त अस्पताल के अध्यक्ष को ही नियुक्त करने का भी सुझाव दिया है।