NEET परीक्षा स्कैम को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच सरकार ने भी फैसला कर लिया है कि वह नीट परीक्षा को रद्द नहीं करेगी। छाक्षों और विपक्षियों में दिख रहे आक्रोश के बीच शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं का पारदर्शी सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति की घोषणा की है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। यह कदम ऐसे समय उठाया जा रहा है जब NEET-UG और UGC NET सहित कई परीक्षाओं के पेपर लीक को लेकर विवाद एक हफ्ते से अधिक समय से जारी है। बता दें कि इस कमेटी की अध्यक्षता इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के राधाकृष्णन समेत  6 विशेषज्ञों द्वारा की जाएगी।

पैनल में कौन-कौन से विशेषज्ञ हैं शामिल?

इसरो के पूर्व अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन 7 विशेषज्ञों के पैनल का नेतृत्व करेंगे। पैनल के अन्य सदस्यों में शामिल हैं:

  • एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया
  • हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी. जे. राव
  • आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस प्रो. राममूर्ति के.
  • पीपल स्ट्रॉन्ग के सह-संस्थापक और कर्मयोगी भारत के बोर्ड सदस्य पंकज बंसल
  • आईआईटी दिल्ली के डीन स्टूडेंट अफेयर्स प्रो. आदित्य मित्तल
  • शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल

क्या करेगी समिति?

शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधारराष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।

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