नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) ने कहा कि मंगलवार को एक बार फिर से सूरज से बड़ी सौर ज्वाला निकली है। यह 11 वर्षीय सौर चक्र की सबसे बड़ी ज्वाला है। एनओएए ने कहा कि अच्छी खबर यह है कि पृथ्वी के इस बार प्रभाव रेखा से बाहर रहने की उम्मीद है क्योंकि पृथ्वी से दूर घूम रहे सूर्य के हिस्से पर ज्वाला भड़की है।

पिछले हफ्ते पृथ्वी सौर तूफान की चपेट में आ गई थी। इसकी वजह से संचार सहित जीपीएस सुविधाओं पर खतरा मंडरा रहा था। सूर्य अभी अति सक्रिय स्थिति से गुजर रहा है। यह स्थिति अभी खत्म नहीं हुई है। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) ने कहा कि मंगलवार को एक बार फिर से सूरज से बड़ी सौर ज्वाला निकली है। यह 11 वर्षीय सौर चक्र की सबसे बड़ी ज्वाला है।

नासा ने कैद किया चमक

एनओएए ने कहा कि अच्छी खबर यह है कि पृथ्वी के इस बार प्रभाव रेखा से बाहर रहने की उम्मीद है, क्योंकि पृथ्वी से दूर घूम रहे सूर्य के हिस्से पर ज्वाला भड़की है। नासा की सोलर डायनेमिक्स वेधशाला ने इस चमक को कैद किया है। एनओएए से जुड़े ब्रायन ब्रैशर ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मंगलवार की ज्वाला से जुड़ा एक उत्सर्जन हमारे ग्रह से दूर है, हालांकि इस संबंध में विश्लेषण जारी है।

भू-चुंबकीय तूफान के कारण नासा का उपग्रह हुआ प्रभावित

नासा ने कहा कि सप्ताहांत में भू-चुंबकीय तूफान के कारण उसका एक पर्यावरण उपग्रह अप्रत्याशित रूप से घूमने लगा। वह एक हाइबरनेशन में चला गया, जिसे सुरक्षित मोड के रूप में जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर, सात अंतरिक्ष यात्रियों को विकिरण ढाल वाले क्षेत्रों में रहने की सलाह दी गई थी। हालांकि, नासा ने कहा कि चालक दल कभी भी खतरे की स्थिति में नहीं थे।

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