झांसी! भारतीय चिकित्सा पद्धति एक ऐसी चिकित्सा पद्धित है जिससे न केवल रोगों का उपचार संभव है बल्कि इन्हें अपनाने से निरोगी होने का मार्ग भी प्रशस्त होता है। भारतीय चिकित्सा पद्धति जिसमें आयुर्वेद, यूनानी, योग आदि चिकित्सा पद्धतियाँ शामिल है के प्रतिपादित नियमों के अनुसरण से जीवनशैली में परिवर्तनों के द्वारा जनमानस को निरोगी बनाया जा सकता है उक्त बातें बिमल कुमार दुबे आयुक्त झाँसी मण्डल ने आज राष्ट्रीय आयुष मिशन, उ.प्र. के अन्तर्गत कैस्केडिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर कहीं मण्डलायुक्त ने कहा कि भारतीय चिकित्सा पद्धति का व्यापक प्रचार-प्रसार शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किये जाने से नागरिकों में स्वस्थ जीवन प्रणाली विकसित होगी आधुनिक जीवन शैली के दुष्परिणाम के रूप में अनेक संचारी व गैर संचारी बीमारियाँ बढ़ी हैं जिससे मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर बोझ भी बढ़ा है। आम-जनमानस द्वारा भारतीय चिकित्सा पद्धितियों के सूत्रों को अपनाने से उच्च चिकित्सा संस्थानों में मरीजों का बढ़ता दबाव बहुत हद तक कम हो सकेगा। प्राचीन भारत में इन पद्धितियों को रोगों के उपचार और स्वस्थ जीवन शैली व्यतीत करने का सर्वोत्तम तरीका माना जाता था। इसे अपनाकर हर नागरिक न केवल रोगों से दूर रह सकता हैं, बल्कि एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने का आनन्द भी ले सकता हैं

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