गाजियाबादः
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर का चार दिवसीय होली महोत्सव कढी पकौडी के साथ महोत्सव के साथ समाप्त हो गया। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि तथा श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के संयोजन व देखरेख में हुए होली महोत्सव में देश भर से एक हजार से संत पहुंचे। हजारों श्रद्धालु भी महोत्सव में शामिल हुए। महोत्सव के पहले दिन गुरू परम्परा के अनुसार 24 मार्च को सांय 7.19 मिनट पर होलिका दहन हुआ। 25 मार्च को प्रातः शांति यज्ञ हुआ जिसमें संतों व दूधेवर वेद विद्या पीठ के आचार्यो ने विश्व शांति की कामना के साथ आहुति दी। सांय को पंखा-शोभा यात्रा शिव बारात निकाली गई। पंखा शोभायात्रा में रथ में पंखा विराजमान करके 1 पंखा अग्रसेन बजार चौपला हनुमान मन्दिर के शिवालय में व दूसरा पंखा दूधेश्वर मन्दिर में शिवालय गृभगृह में स्थापित किया गया। पंखा शोभा यात्रा ढोल नगाड़े बैंड झांकियों के साथ निकली। सभी सन्त होलिका में जलाई गई दिव्य विभूति को धारण करके घोड़े हाथी पर विराजमान होकर शोभा-यात्रा में शामिल हुए। पूरे नगर भम्रण करते हुए पंखा शोभा यात्रा का समापन मंदिर पर ही हुआ। महोत्सव के तीसरे दिन विशाल भंडारे का आयोजन हुआ जिसमें देश भर से आए संतों व हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया व प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि ने कहा कि आपसी एकता व भाईचारे का प्रतीक होली का पर्व हमें अपनी सभी बुराईयों का दहन कर सनातन धर्म के मूल संस्कार व विचारधारा वसुधैव कुटुम्बकम् को जीवन में उतारने का संदेश भी देता है। श्रीमहंत नारायण गिरि के दिशा-निर्देशन में श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर जहां पूरे विश्व में सनातन धर्म की पताका फहरा रहा है, वहीं वसुधैव कुटुम्बकम् के सपने को भी साकार कर रहा है।
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि होली राग-रंग अर्थात संगीत व रंग का पर्व है। संगीत व रंग दोनों में ही प्रेम बसा हुआ है। यही कारण है कि होली के पर्व पर एक-दूसरे को रंग लगाकर हम अपनी पुरानी सभी कडुवाहट को भूल जाते हैं और अपने रिश्तों को खुशी, उमंग व उत्साह के रंगों से रंग देते हैं। महराजश्री ने कहा कि मंदिर में हर वर्ष होली पर होने वाला चार दिवसीय होली महोत्सव आपसी एकता व सौहार्द की मिसाल कायम कर रहा है। महोत्सव के चैथे दिन कढी-पकौडी बेसन की, गाडी पकडो टेशन की कहावत के साथ संतांे को विदाई दी। मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि चार दिवसीय होली महोत्सव में श्रीमहंत कृष्णानंद गिरि जूना अखाड़ा हरिद्वार, श्रीमहंत महामायानंद गिरि श्रीधाम वृदावन मथुरा, श्रीमहंत चेतनानंद गिरि, श्रीमहंत सुरेश गिरि जूना अखाड़ा 13 मणि श्रीमहंत अलवर गिरि जूना अखाड़ा बटेश्वर धाम, साध्वी शकुंतला गिरि आवान अखाडा फिरोजाबाद, श्रीमहंत गुलाब गिरि जूना अखाड़ा मेनपुरी, श्रीमहंत शमशान गिरि जूना अखाड़ा फिरोजाबाद, श्रीमहंत गणेश गिरि जूना अखाड़ा, श्रीमहंत लखन गिरि जूना अखाड़ा अलीगढ, साध्वी सावित्री गिरि जूना अखाड़ा केथड, श्रीमहंत हरि मोहन गिरि जूना अखाड़ा एटा, श्रीमहंत नाहर गिरि जूना अखाड़ा फिरोजाबाद, महंत गिरिशानंद गिरि प्राचीन देवी मंदिर दिल्ली गेट, श्रीमहंत आनंदेश्वरनंद गिरि दिल्ली, महंत आनंद गिरि पंजाब, महंत कन्हैया गिरि भैरो मंदिर महंत विजय गिरि शिव मंदिर पटेल नगर, महंत मुकेशानंद गिरि मकौडा, स्वामी रमेशानंद गिरि श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर, महंत रूप गिरि, अजय शर्मा दीवान, चंदन पांडे, मुनीलाल पांडे आदि शामिल रहे। चार दिवसीय महोत्सव को सफल बनाने में श्री दूधेश्वर श्रृंगार सेवा समिति के अध्यक्ष विजय मित्तल व वरिष्ठ समाजसेवी अजय चोपड़ा ने विशेष सहयोग दिया।