हिंदू पक्ष ने याचिका की है कि टीलेवाली मस्जिद, मंदिर तोड़कर बनी है। कोर्ट ने उस मुकदमे को अनुमति दी थी लेकिन मुस्लिम पक्ष ने उस आदेश के खिलाफ रिवीजन याचिका डाली थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
बता दें कि हिंदू पक्ष ने याचिका की है कि टीलेवाली मस्जिद, मंदिर तोड़कर बनी है। कोर्ट ने उस मुकदमे को अनुमति दी थी लेकिन मुस्लिम पक्ष ने उस आदेश के खिलाफ रिवीजन याचिका डाली थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। यानी अब कोर्ट के फैसले के बाद ये मुकदमा चलने योग्य हो गया है।
मस्जिद के नीचे लक्ष्मण मंदिर का दावा
दरअसल, साल 2013 में लखनऊ की सेशन कोर्ट में भगवान शेषनागेश तिलेश्वर महादेव विराजमान की तरफ से याचिका दाखिल कर कहा गया था कि लखनऊ की टीले वाली मस्ज़िद असल में लक्ष्मण टीला है और उन्हें यहां का मालिकाना हक और पूजा का अधिकार दिया जाए। इस याचिका में कहा गया कि है कि यहां लक्ष्मण टीला और मन्दिर था लेकिन औरंगज़ेब के कहने पर इसे तोड़ दिया गया और यहां टीले वाली मस्ज़िद बना दी गई।