पंकज उधास वो गायक थे, जिन्होंने आम आदमी के लिए आम भाषा वाली ढेरों गजलें अपने प्रसंशकों को दीं। ‘चिट्ठी आई है..’ से पंकज उधास ने खूब नाम कमाया। वहीं गजल गायक पंकज के पद्मश्री पुरस्कार मिलने के पीछे भी दिलचस्प कहानी है।
गजल गायकी की दुनिया के बेताज बादशाह पंकज उधास ने 72 साल की उम्र में सोमवार 26 फरवरी को दुनिया को अलविदा कह दिया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। गजल गायक पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जेतपुर में हुआ था। पंकज उधास की बेटी नायाब उधास ने अपने पिता के निधन की पुष्टि की है। पंकज उधास के निधन से उनके चाहने वालों और फिल्म इंडस्ट्री को गहरा सदमा लगा है। पंकज उधास के निधन की खबर सुन कई सेलेब्स उन्हें सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं। ‘चिट्ठी आई है’ गाने से दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले पंकज उधास के पद्मश्री पुरस्कार मिलने के पीछे एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है।
पंकज उधास ने चिट्ठी आई है से कमाया नाम
करीब चार दशक तक अपनी जादुई आवाज से लोगों का दिल जीतने वाले गजल गायक की मौत की खबर से उनके फैंस को जबरदस्त झटका लगा है। दिग्गज और मशहूर गजल गायक पंकज उधास न केवल गजल के लिए बल्कि अपने बेहतरीन गानों के लिए भी जाने जाते थे। पंकज उधास एक ऐसी शख्सियत थे, जिनका जिक्र हर कोई करता था क्योंकि उनके गाने और गजल सीधा दिल में उतर जाते हैं। उनके सदाबहार गानों में ‘चिट्ठी आई है’, ‘न कजरे की धार’, ‘चुपके चुपके बिन सखियों के…’, ‘थोड़ी-थोड़ी पिया करो’, ‘आज जिनके करीब होते हैं’, ‘आदमी खिलौना है’, ‘चांदी जैसा रंग है तेरा’ समेत कई गाने शामिल हैं।
पंकज उधास को पद्मश्री पुरस्कार मिलने के पीछे का किस्सा
पंकज उधास को अक्सर बॉलीवुड गीतों और गजलों के लिए याद किया जाता है। ‘चिट्ठी आई है’ गाने से पंकज उधास घर-घर में मशहूर हो गए थे। अपने बेहतरीन काम के लिए साल 2006 में पंकज उधास को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी भी है जो खुद गायक ने इंटरव्यू के दौरान बताया था। पंकज उधास को जब पद्मश्री देने का एलान हुआ था तब उन्हें इस बारे में जानकारी ही नहीं थी। इतना ही नहीं जब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने उनसे पद्मश्री से जुड़ा सवाल किया था, तब उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री की इस बात का पंकज ने कोई जवाब नहीं दिया। इन सब के बीच जब उन्हें उनके दोस्त ने बधाई देने के लिए कॉल किया तो वह भी हैरान रह गए। पंकज ने जब अपने दोस्त से पूछा कि किस बात की बधाई? तब उस दोस्त ने बताया कि आपको पद्मश्री से सम्मानित किए जाने की घोषणा हुई है। इस खबर को सुनने के बाद पंकज खुशी से फूले नहीं समा रहे थे।