टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का मानना है कि ना ही 1000 बार जय श्री राम और ना ही 1000 बार अल्लाहु अकबर बोलने में किसी तरह का नुकसान है। आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 के बाद से मोहम्मद शमी क्रिकेट के मैदान से दूर चल रहे हैं। एंकल इंजरी के साथ आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 में खेले शमी ने सबसे ज्यादा विकेट भी चटकाए थे। एंकल इंजरी के चलते ही शमी इसके बाद से कोई प्रतिस्पर्धी क्रिकेट मैच नहीं खेल पाए हैं। शमी ने कहा कि हर एक धर्म में पांच से 10 लोग ऐसे होते हैं, जो विरोधी धर्म वाले इंसान को पसंद नहीं करते हैं।
शमी ने नेटवर्क18 पर कहा, ‘मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। देखिए किस तरह से सजदा को लेकर बहस हुई, अगर राम मंदिर बना, तो जय श्री राम बोलने में कैसी दिक्कत, 1000 बार बोलिए… अगर मैं अल्लाहु अकबर बोलना चाहूं तो मैं इसे भी 1000 बार बोल सकता हूं। इससे क्या फर्क पड़ता है?’ शमी ने आगे कहा, ‘सबसे पहली बात मैं इसको लेकर किसी से डरता नहीं हूं। मैं मुस्लिम हूं और मैं यह पहले भी कह चुका हूं। मुझे मुस्लिम होने पर गर्व है, मुझे भारतीय होने पर भी गर्व है। मेरे लिए मेरा देश पहले आता है, अगर इससे किसी को परेशानी हो रही है, तो मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।’
शमी ने आगे कहा, ‘मैं खुशी से जीता हूं और अपने देश का प्रतिनिधित्व करता हूं, इससे ज्यादा मेरे लिए कुछ मैटर नहीं करता। जहां तक विवाद की बात है… कुछ लोग यही खेल खलने के लिए सोशल मीडिया पर बैठे रहते हैं, मुझे ऐसे लोगों से कोई फर्क नहीं पड़ता। जहां तक सजदा की बात है, अगर मैं करना चाहता तो मैं करता सजदा, इससे किसी और को फर्क नहीं पड़ना चाहिए।’ वर्ल्ड कप 2023 के दौरान इस बात को लेकर काफी बहस हुई थी और कुछ पाकिस्तान क्रिकेटर्स और क्रिकेट फैन्स ने दावा किया कि शमी एक समय मैदान पर सजदा करने वाले थे, लेकिन फिर उन्होंने अपने जश्न का तरीका बदल दिया।
