देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न सम्मान मिलेगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बजने से कुछ ही दिन पहले यह बड़ा ऐलान किया है। इसके गहरे राजनीतिक मायने हैं। चौधरी चरण सिंह पश्चिम यूपी के रहने वाले थे और उनका यूपी की सियासत पर गहरा प्रभाव था। इसके अलावा हरियाणा, राजस्थान, पंजाब समेत कई राज्यों के जाट समाज के लोग भी उनसे भावनात्मक जुड़ाव महसूस करते रहे हैं। इसके अलावा देश का किसान समुदाय भी चौधरी चरण सिंह के प्रति लगाव रखता है। ऐसे में उन्हें भारत रत्न सम्मान मिलना एक साथ जाट और किसान समुदाय को साधने की कोशिश भी है।

यह फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है, जब पंजाब और हरियाणा में जाट समुदाय का भाजपा के खिलाफ ध्रुवीकरण होता दिखा है। वहीं पश्चिम यूपी में भी अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी को साथ लेकर ऐसी ही कोशिश की है कि चौधरी चरण सिंह की विरासत का फायदा सपा को मिल सके। अब भाजपा ने यह ऐलान कर दिया है तो रालोद के साथ उसके गठबंधन की राहें और खुल गई हैं, जिसकी कई दिनों से खूब चर्चा हो रही है। जयंत चौधरी ने तो पीएम मोदी की ही पोस्ट को रीट्वीट करते हुए लिखा है, दिल जीत लिया। साफ है कि रालोद अब सपा से किनारा लेकर राइट टर्न ले रही है।

बता दें कि 2020 में किसान आंदोलन ने बड़ा रूप लिया था। पश्चिम यूपी, हरियाणा और पंजाब के हजारों किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल दिया था। एक साल चले आंदोलन के बाद पीएम मोदी ने ही तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया तो किसानों के जत्थे वापस लौट गए थे। फिर भाजपा ने यूपी का चुनाव भी 2022 में जीत लिया, लेकिन किसानों और जाटों के बीच एक कसक बनी रही। अब माना जा रहा है कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देकर उस कसक को दूर करने की कोशिश की गई है। इस फैसले से हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भी मदद मिलेगी।

पश्चिम यूपी और हरियाणा बेल्ट से आने वाले इकलौते PM

भाजपा ने 2014 के बाद से ही जाटों का बड़ा समर्थन हासिल किया था। लेकिन किसान आंदोलन के बाद उसके छिटकने के कुछ आसार थे। अब यह फैसला उसे काफी हद तक साधने की कवायद है। यूं भी पश्चिम यूपी या फिर हरियाणा क्षेत्र से देश के पीएम बनने वाले चौधरी चरण सिंह इकलौते शख्स थे। ऐसे में इस पूरे इलाके का ही उनके साथ भावनात्मक लगाव रहा है। इस तरह चौधरी साहब को सम्मान देकर पीएम मोदी ने किसान और जाट राजनीति के नए चरण की शुरुआत कर दी है। इसकी काट करना सपा, कांग्रेस समेत किसी भी दल के लिए आसान नहीं रहेगा।

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