विदाई के समय श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज व श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज मौजूद रहे

अयोध्याःरामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए 400 संतों की विदाई मंगलवार 23 जनवरी से शुरू हो गई। श्री राम पौढी नागेश्वरनाथ मार्ग तुलसी घाट स्थित जूना अखाडा के अवधदत्त बिहारी मंदिर ये संतों को विदाई दी गई। अधिकांश संत रामलला के दर्शन कर मंगलवार को रवाना हो गए। जूना अखाड़े के संत 12 जनवरी को ही अयोध्या पहुंच गए थे। श्री पंचदश नाम जूना अखाड़े अंतरराष्ट्रीय संरक्षक अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के निर्देशानुसार जूना अखाड़े के अवधदत्त बिहारी मंदिर में 1 जनवरी से भंडारा का आयोजन हो रहा था। साथ ही राम मंदिर आंदोलन में शहीद होने वाले नागा साधु-संतों का तर्पण अनुष्ठान, श्री अखंड रामायण पाठ, श्री रामस्त्रोत मंत्र, श्री विष्णु सह्रसनाम पाठ, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड पाठ आदि का आयोजन भी निरंतर हो रहा है। मंगलवार को श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज व श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने संतों को कढी-पकौडे के साथ विदाई दी।

श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि अयोध्या के भव्य व दिव्य राम मंदिर में रामलला के विराजमान होने के साथ ही एक नए युग का सूत्रपात हो गया है। अयोध्या का राम मंदिर आध्यात्म, भक्ति व संस्कृति के क्षेत्र में पूरे विश्व का नेतृत्व करेगा। श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने कहा कि अयोध्या में रामलला के विराजमान होने से नए भारत का उदय होगा। नए भारत का गौरव पूरे विश्व में फैलेगा और वह पूरे विश्व का नेतृत्व करेगा। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि अयोध्या के भव्य व दिव्य राम मंदिर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से हमारा 500 वर्ष का सपना पूरा हो गया। भगवान राम के विराजमान हो जाने से आज हर सनातनी हिंदू खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। यह ऐसा अदभुत व आलोकि पल है, जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकेगा। श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि अवधदत्त बिहारी मंदिर पर चल रहा भंडारा माघ की पूर्णिमा 24 फरवरी तक जारी रहेगा।

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