अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी मस्जिद निर्माण का काम अभी भी अधूरा है। ऐसे में पूर्व मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने मस्जिद निर्माण को लेकर पूछे गए सवाल पर साफ तौर से अपना पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने कहा है कि मस्जिद का निर्माण कहां तक हुआ ये मेरी जिम्मेदारी नहीं है।

अयोध्या मस्जिद निर्माण से इकबाल अंसारी ने झाड़ा पल्ला।- India TV Hindi

अयोध्या: बाबरी ढाचा विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आए चार साल से ज्यादा का समय हो गया है। इस फैसले के बाद से अयोध्या में मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हुआ और आज राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अयोध्या के ही धन्नीपुर में मस्जिद का भी निर्माण किया जाना था, लेकिन धन्नीपुर की मस्जिद का काम कितना हुआ है, इस बारे में लोगों को कोई भी जानकारी नहीं है। यही सवाल जब अयोध्या मामले के पूर्व मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी से पूछा गया तो वह मस्जिद निर्माण की बात से पल्ला झाड़ते दिखे।

चार साल पहले आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला

एक सवाल का जवाब देते हुए इकबाल अंसारी ने कहा कि ‘वक्फ बोर्ड को जमीन मिले हुए चार साल बीत चुके हैं। इन चार सालों में मीडिया मस्जिद को लेकर तमाम सवाल पूछती रहती है कि मस्जिद कहां तक बनी। हम तो यही देखते हैं कि वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारुकी हैं, जो सिर्फ नक्शा दिखाते रहते हैं, जो धर्म के विपरीत है। हर धर्म की अलग पहचान है, उनके चाहिए कि जो काम उनको दिया गया है वह काम पूरा करें, नक्शा दिखाने से काम नहीं चलेगा।’

मस्जिद कब बनेगी, हमारी जिम्मेदारी नहीं

आगे उन्होंने कहा कि ‘जफर फारुकी खुद बोर्ड के चेयरमैन हैं, जो उनके समझ में आए वो करें हमारी इसमें कोई निजी राय नहीं है। जो भी राय देनी थी हम दे चुके हैं। अब हमारा यही कहना है कि उनको जमीन मिली है, उनका प्राइवेट ट्रस्ट है, अब वो कब बनाते हैं, कब नहीं बनाते हैं ये हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं।’ उन्होंने कहा कि ‘हमारा मसला अयोध्या का रहा। सुप्रीम कोर्ट ने इसमें फैसला दे दिया और पूरे देश ने इस फैसले का सम्मान किया। पूरे देश में कहीं एक पत्ता तक नहीं हिला, ना कोई धरना ना कोई प्रदर्शन हुआ। चार साल बीत चुके हैं, मंदिर बनकर तैयार है, स्वयं प्रधानमंत्री जी आ रहे हैं, देश-विदेश से लोग आ रहे हैं, अयोध्या भी सवर चुकी है। लोगों में दर्शन के लिए उत्साह भी है। सबसे बड़ी बात यही है कि लोग अयोध्या आएं और भगवान राम के बताए रास्ते पर चलें।’

 

 

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